ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका, हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के फैसले के खिलाफ दायर याचिका की खारिज
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (एआईएमसी) को एक बार फिर झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। याचिक में ज्ञानवापी मामले की 2021 से सुनवाई कर रही एकल न्यायाधीश की पीठ से मामला वापस लेने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के प्रशासनिक फैसले को चुनौती दी गई थी। एकल-न्यायाधीश की पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद वाली जगह पर एक मंदिर बहाल करने का अनुरोध करने वाले मामले को सुनवाई योग्य होने को चुनौती दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मस्जिद समिति का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी की दलीलें सुनने के बाद कहा कि हमें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उच्च न्यायालयों में यह एक बहुत ही मानक प्रथा है। यह उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के दायरे में होना चाहिए। मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा एकल न्यायाधीश पीठ से मामले को वापस लिए जानेऔर इसे किसी अन्य पीठ को सौंपे जाने को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने याचिका खारिज करने से पहले मामले को स्थानांतरित करने के कारणों का अवलोकन किया और कहा कि वह इसे खुली अदालत में नहीं पढ़ना चाहते।