मजदूरों के श्रम से ही सामाजिक और आर्थिक विकास संभव है. समाज में श्रमिकों का योदगान आर्थिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण है.
भारत में सबसे पहली बार 1 मई 1932 को चेन्नई में मजदूर दिवस मनाया गया था.ज्योतिष में 9 ग्रहों की चर्चा की गई है,

मजदूरों के श्रम से ही सामाजिक और आर्थिक विकास संभव है. समाज में श्रमिकों का योदगान आर्थिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण है. श्रमिकों के सम्मान और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से हर साल 01 मई को मजदूर दिवस (Labour Day 2024) के रूप में मनाया जाता है. भारत में सबसे पहली बार 1 मई 1932 को चेन्नई में मजदूर दिवस मनाया गया था.ज्योतिष में 9 ग्रहों की चर्चा की गई है, जिसमें शनि देव (Shani Dev) कर्म प्रधान देवता हैं, जोकि कर्मों के अनुसार फल देते हैं. साथ ही जो लोग कड़ी मेहनत करके अपना जीवन यापन करते हैं, शनि देव उनसे बहुत प्रसन्न रहते हैं. ज्योतिष में भी शनि देव को श्रम का कारक ग्रह माना गया है.शनि देव और परिश्रमी व्यक्ति के बीच गहरा संबंध होता है. इसका कारण यह है कि, जब कोई मजदूर मेहनत करता है तो उसे पसीना आता है. मेहनत के पसीने से वह श्याम वर्ण का लगने लगता है. शनि का रंग भी गहरा है. ऐसे में शनि देव परिश्रमी लोगों पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं. यह भी कहा जाता है कि, गरीब, असहाय और मजदूरों पर शनि देव वास करते हैं. इसलिए शनि की कृपा पाने के लिए, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए और खासकर ऐसे लोग जिन पर शनि की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो उन्हें मजदूर या मेहनती लोगों, नौकरों या कर्मचारियों के साथ कभी भी बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए. शनि की शुभता पाने के लिए आपको हमेशा ऐसे लोगों का सम्मान करना चाहिए.
मजदूर बदल सकते हैं आपका भाग्य
- यदि लंबे समय से आपका मकान बनने में दिक्कत आ रही है तो मजदूरों का गुलाब जामुन खिलाना चाहिए. इससे मजदूर खुश होंगे और शनि का शुभ फल आपको मिलेगा.
- कोर्च कचहरी या प्रोपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है तो मजदूरों को चप्पल का दान दें और कुछ मीठा खिलाएं. इस उपाय से भी शनि देव की कृपा मिलती है.
- राजनीति क्षेत्र में सफलता के लिए मजदूर वर्ग को सरसों तेल से बना हुआ भोजन कराएं.
- आप जितना कमजोर, गरीब, परिश्रमी या मजदूर वर्ग की सहायता करेंगे शनि देव की कृपा आपको मिलती रहेगी.