सोनल ने बहुत संघर्षों के बाद इस परीक्षा में सफलता पायी. आज वो आईएएस बन चुकी हैं
कैंडिडेट्स को इंस्पायर करने के लिए उन्होंने अपनी यूपीएससी मेन्स की मार्कशीट सोशल मीडिया हैंडल X पर शेयर की
यूपीएससी का सफर कितना कठिन है ये हर कोई जानता है. हर साल लाखों एस्पिरेंट्स परीक्षा पास करने का सपना लेकर आते हैं और कुछ ही मंजिल तक पहुंचते हैं. सफलता पाने वाले कैंडिडेट्स की कहानी भी कम इंस्पायरिंग नहीं होती. उदाहरण के लिए आईएएस सोनल गोयल को ही ले लें. सोनल ने बहुत संघर्षों के बाद इस परीक्षा में सफलता पायी. आज वो आईएएस बन चुकी हैं लेकिन अपने पुराने दिनों के स्ट्रगल को नहीं भूलीं.
सोशल मीडिया पर शेयर की मार्कशीट इसी क्रम में दूसरे कैंडिडेट्स को इंस्पायर करने के लिए उन्होंने अपनी यूपीएससी मेन्स की मार्कशीट सोशल मीडिया हैंडल X पर शेयर की है. उनके नंबर देखकर सभी हैरान हैं. आज जानते हैं सोनल ने कैसे इस परीक्षा में सफलता पायी.
पहले प्रयास में हुईं असफल
सोनल ने बताया बीती 21 फरवरी को ये पोस्ट शेयर की. इसमें उन्होंने अपनी मार्कशीट शेयर करने के साथ ही संघर्ष के दिनों के अनुभव भी साझा किए. सोनल ने बताया कि कैसे पहले प्रयाल में वे असफल हुईं थी. उन्होंने 2007 में अपना पहला अटेम्प्ट दिया था. इस में वे असफल रहीं. इसके अगले साल यानी साल 2008 में ही सोनल ने यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर लिया.
मिले थे कम नंबर
सोनल आगे लिखती हैं कि पहले अटेम्प्ट में जनरल स्टडीज के पेपर में कम अंक आने की वजह से उन्हें इंटरव्यू कॉल नहीं आयी. हालांकि इससे वे निराश नहीं हुईं और दोगुने उत्साह से प्रयास शुरू कर दिया. इसके बाद उन्होंने जनरल स्टडीज के पेपर को तैयार करने में जान लगा दी.
नौकरी के साथ की पढ़ाई
सोनल की जर्नी इस मामले में भी इंस्पायरिंग है कि उन्होंने नौकरी और पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी की. वे उस दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी कर रही थी साथ ही सीएस के तौर पर पार्ट टाइम नौकरी भी कर रही थी. इन सभी के साथ उनकी यूपीएससी की तैयारी चल रही थी.
दूसरे प्रयास में कर लिया मैदान फतह
सोनल ने दूसरे प्रयास में न केवल परीक्षा पास की बल्कि पहले अटेम्प्ट में जिस विषय के कारण फेल हईं थी दूसरे प्रयास में उसी में हाईऐस्ट मार्क्स प्राप्त किए. उनके ऑप्शनल कॉमर्स और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से भी ज्यादा अंक जीएस में थे.
क्या मैसेज देती हैं सोनल
सोनल अपनी जर्नी के माध्यम से दूसरे स्टूडेंट्स को ये शिक्षा देती हैं कि अगर इरादा पक्का हो तो कोई भी और कैसी भी परेशानी आपका रास्ता नहीं रोक सकती. हर फेलियर एक लेसन होता है जिससे आप आगे लिए सीख ले सकते हैं और सुधार कर सकते हैं. इसलिए अपनी क्षमताओं पर यकीन करें, पूरे समर्पण और जोश के साथ अपने गोल को हासिल करने के लिए आगे बढ़ें और कभी अपने सपने को खुद से दूर न करें. निरंतरता से कोई भी महानता हासिल की जा सकती है.