SP चिरंजीवी नाथ सिन्हा का ‘ऐतिहासिक’ एक्शन: फर्जी मुठभेड़ विवाद में तत्कालीन थानाध्यक्ष और एंटी-थेफ्ट टीम प्रभारी निलंबित!

हाथरस पुलिस की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति: SP ने परिजनों को संतुष्ट कर जीता विश्वास, निष्पक्ष जांच के लिए सीओ सिटी को सौंपी विवेचना
हाथरस। जिले में उठे कथित फर्जी मुठभेड़ विवाद को लेकर पुलिस अधीक्षक चिरंजीवी नाथ सिन्हा ने अभूतपूर्व साहस और पारदर्शिता का परिचय देते हुए एक बड़ा और कड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। पुलिस मुखिया ने तुरंत एक्शन लेते हुए न केवल विवादों में घिरे अधिकारियों को सस्पेंड किया, बल्कि शिकायतकर्ताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित कर पुलिस के प्रति जनता का विश्वास बहाल किया है।

तत्कालीन थानाध्यक्ष निलंबित, निष्पक्षता का संदेश एसपी सिन्हा ने मुरसान थाना क्षेत्र से जुड़े प्रकरण(मु0अ0सं0-277/2025) में कार्रवाई करते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष उप-निरीक्षक ममता और प्रभारी एंटी थेफ्ट टीम निरीक्षक मुकेश कुमार को कर्तव्यपालन में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई स्पष्ट करती है कि हाथरस पुलिस में किसी भी प्रकार की लापरवाही या मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी परिजनों से सीधा संवाद: ‘हम पुलिस की कार्रवाई से पूर्णतः संतुष्ट हैं’ पुलिस अधीक्षक की कार्रवाई का सबसे सराहनीय पहलू यह रहा कि उन्होंने विवाद को प्रशासनिक गलियारों में बंद रखने के बजाय, सीधे शिकायतकर्ता पक्ष से बात की। एसपी ने पुलिस कार्यालय में द्वितीय पक्ष के माता-पिता, भाई और अलीगढ़ व इगलास के सम्मानित जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से सुना और उनसे विस्तारपूर्वक वार्ता की।
इस संवाद के बाद, पुलिस अधीक्षक की निष्पक्षता से प्रभावित होकर, परिजनों ने स्वयं यह बात कही कि पुलिस द्वारा निष्पक्ष कार्यवाही का आश्वासन देते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष व प्रभारी एंटी थेफ्ट टीम को निलंबित कर दिया गया है। हम लोग पुलिस कार्यवाही से पूर्णतः संतुष्ट हैं।पुलिस अधीक्षक का यह कदम न केवल एक प्रशासनिक कार्रवाई है, बल्कि जन-हितैषी पुलिसिंग (People-Friendly Policing) का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
सीओ सिटी के पर्यवेक्षण में होगी अब निष्पक्ष विवेचना
मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए, एसपी सिन्हा ने प्रकरण से संबंधित अभियोगों की विवेचना क्षेत्राधिकारी (CO) नगर के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक थाना हाथरस गेट को सुपुर्द कर दी है। यह निर्णय सुनिश्चित करता है कि जांच पूरी तरह से दबावमुक्त और पारदर्शी हो।
पुलिस अधीक्षक चिरंजीवी नाथ सिन्हा के इस त्वरित, पारदर्शी और साहसिक निर्णय की पूरे जिले में सराहना हो रही है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि पुलिस का मूल धर्म न्याय और निष्पक्षता है, और वे इसे कायम रखने के लिए कठोरतम निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे।



