पुलिस अधीक्षक ने प्रशिक्षणाधीन रिक्रूट्स आरक्षियो के प्रशिक्षण व्यवस्थाओं व इन्डोर/आउटडोर क्लासेस के संबन्ध मे गोष्ठी कर संबन्धित को दिए दिशा निर्देश
हाथरस। पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा द्वारा पुलिस कार्यालय स्थित सभागार कक्ष में गोष्ठी का आयोजन किया गया

हाथरस। पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा द्वारा पुलिस कार्यालय स्थित सभागार कक्ष में गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार, क्षेत्राधिकारी लाइन रामप्रवेश राय, प्रतिसार निरीक्षक राजकुमार सिंह व आरटीसी से जुड़े अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे । पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट आरक्षियों की प्रशिक्षण व्यवस्थाओं की समीक्षा की एवं उन्हें और अधिक प्रभावशाली, अनुशासित और व्यावहारिक बनाने हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गये । पुलिस अधीक्षक द्वारा रिक्रूट प्रशिक्षण की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की । द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षणाधीन आरक्षियों को ऐसी व्यवस्था प्रदान की जाए जिससे वे न केवल पाठ्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करें, बल्कि एक जिम्मेदार, संवेदनशील एवं सजग पुलिसकर्मी के रूप में तैयार हों। प्रशिक्षण की दोनों विधाओं – इंडोर (सैद्धांतिक) और आउटडोर (शारीरिक/मैदानी) पर समान रूप से बल देने की बात कही गई। इंडोर क्लासेस में विधिक ज्ञान, पुलिस अधिनियम, मानवाधिकार, साइबर अपराध, नैतिकता, महिला एवं बाल सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण इत्यादि के विषयों को बेहतर ढंग से सिखाने पर जोर दिया गया। वहीं, आउटडोर प्रशिक्षण में परेड, ड्रिल, शारीरिक फिटनेस, हथियार प्रशिक्षण, फायरिंग अभ्यास, दंगा नियंत्रण तकनीक इत्यादि को नियमित और अनुशासित रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गए।प्रशिक्षणाधीन आरक्षियों के आचरण और अनुशासन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान रिक्रूट्स के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए। समय-समय पर चिकित्सीय परीक्षण, योगाभ्यास और मोटिवेशनल सत्र आयोजित करने पर बल दिया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा वर्तमान युग की आवश्यकता को देखते हुए रिक्रूट्स को साइबर अपराध, डिजिटल सबूत, सोशल मीडिया, आधुनिक संचार प्रणाली और थानों में इस्तेमाल होने वाले तकनीकी उपकरणों की जानकारी से भी अवगत कराना आवश्यक बताया गया। तत्पश्चात पुलिस अधीक्षक द्वारा दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि सभी प्रशिक्षकों को समयबद्ध और अनुशासित प्रशिक्षण कार्यक्रम सुनिश्चित करे तथा रिक्रूट्स की दैनिक उपस्थिति, प्रदर्शन और मूल्यांकन का रिकॉर्ड सुनियोजित ढंग से रखा जाए।साप्ताहिक रिपोर्ट के माध्यम से प्रशिक्षण की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। रिक्रूट्स की समस्याओं को सुनने और समाधान हेतु एक ‘ग्रिवांस रिड्रेसल’ तंत्र विकसित किया जाए। गोष्ठी में पुलिस अधीक्षक द्वारा यह भी सुझाव दिया गया कि रिक्रूटस आरक्षियो को पूर्व में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले पुलिसकर्मियों के अनुभवों को साझा करने हेतु गेस्ट लेक्चर आयोजित किए जाएं। रिक्रूट्स में आत्मबल, राष्ट्रभक्ति और सेवा-भावना को जाग्रत करने के लिए प्रेरणादायक केस स्टडी और डिबेट सत्रों का आयोजन हो तथा “बेस्ट परफॉर्मर” रिक्रूट्स को पुरस्कृत कर अन्य को प्रेरित किया जाए।