जिले में 01 अप्रैल से अब तक 14,618 मीट्रिक टन उर्वरकों की विभिन्न समितियों पर हुई आपूर्ति
र्वरक वितरण आधार कार्ड व खतौनी के सत्यापन के उपरांत पीओएस मशीन व टोकन प्रणाली के माध्यम से पूर्णतः पारदर्शी

अलीगढ़ : जिले में किसानों को उर्वरकों की सुचारु एवं पारदर्शी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन और कृषि एवं सहकारिता विभाग सतत प्रयासरत है। सहायक निबन्धक सहकारिता नागेंद्र पाल सिंह ने बताया कि 01 अप्रैल से 09 जुलाई के मध्य जिले में कुल 14,618 मीट्रिक टन उर्वरकों की आपूर्ति की गई, जिसमें 9,667 मीट्रिक टन यूरिया, 3,160 मीट्रिक टन डीएपी एवं 1,791 मीट्रिक टन एनपीकेएस शामिल है उन्होंने बताया कि 04 जुलाई को डीएपी एवं एनपीके उर्वरकों का नवीन आवंटन किया गया है, जिसके क्रम में जिले की सभी सहकारी समितियों पर आवंटित उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है। कृषकों को उर्वरकों का वितरण पूर्णतः पारदर्शी प्रक्रिया के अंतर्गत आधार कार्ड व खतौनी के सत्यापन के उपरांत पीओएस मशीन के माध्यम से टोकन प्रणाली द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है। साथ ही किसी भी समिति पर न तो अधिक मूल्य वसूला जा रहा है और न ही कोई अनावश्यक उत्पाद जबरन साथ में दिया जा रहा है। नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी, जोकि इफको द्वारा उत्पादित हैं, की आपूर्ति भी कृषकों को उनकी मांग के अनुरूप ही की जा रही है। सहायक निबंधक सहकारिता ने कुछ समितियों के संबंध में प्रसारित भ्रामक तथ्यों के संबंध में स्पष्ट किया है कि सहकारी समिति सोमना नम्बर एक को अब तक 38 मीट्रिक टन डीएपी, 71.250 मीट्रिक टन एनपीकेएस एवं 198 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की जा चुकी है। बी-पैक्स समिति जगनेर को 18 मीट्रिक टन यूरिया एवं 9 मीट्रिक टन एनपीकेएस की आपूर्ति की गई है। बरला समिति में मार्ग बाधित होने के कारण कुछ समय के लिए आपूर्ति प्रभावित रही थी, जिसे अब सुचारु कर लिया गया है। वर्तमान में 9 मीट्रिक टन डीएपी एवं 9 मीट्रिक टन एनपीकेएस का आवंटन कर दिया गया है। बरला समिति के सचिव के संबंध में यह अवगत कराना आवश्यक है कि उनके पास तीन समितियों का प्रभार होने एवं एकमात्र कर्मचारी होने की स्थिति में, वह संबंधित तिथि को जिला सहकारी बैंक में आरटीजीएस की प्रक्रिया के लिए उपस्थित थे, जिसके कारण समिति अस्थायी रूप से बंद रही। सहायक निबंधक सहकारिता ने कृषकों से अनुरोध किया है कि किसी भी प्रकार की असुविधा की स्थिति में संबंधित समिति सचिव अथवा जिला कृषि विभाग से संपर्क करें। उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की निरंतर निगरानी की जा रही है, जिससे जिले के समस्त कृषकों को समय से आवश्यक उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके।