अन्य

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय करोल ने कहा कि भारत सिर्फ दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों तक सीमित

सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक कार्यक्रम में बोलते जस्टिस करोल ने एक महिला का जिक्र किया,

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय करोल ने कहा कि भारत सिर्फ दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों तक सीमित नहीं है. दूरदराज के इलाकों में लोगों को ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते.जस्टिस संजय करोल ने कहा कि संविधान का संरक्षक होने की नाते सुप्रीम कोर्ट की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह उन तक भी पहुंचे, जिन्हें इस बात को समझ भी नहीं है कि न्याय क्या होता है. दूरदराज के इलाकों में पीरियड्स के दौरान महिलाओं की क्या स्थिति होती है और किन-किन हालातों से उसे गुजरना होता है. उन्होंने बताया कि देश के कई ऐसी जगहें हैं, जहां पर अभी तक न्यायिक व्यवस्था पहुंच ही नहीं पाई है.

पांच दिनों तक घर में घुसने नहीं दिया महिला को सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक कार्यक्रम में बोलते जस्टिस करोल ने एक महिला का जिक्र किया, जिसे मासिक धर्म के दौरान घर से बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने 2023 में खुद ली गई एक तस्वीर दिखाई, जिसमें वह महिला टेंट में बैठी दिख रही है. जस्टिस करोल ने कहा कि यह फोटो उन्होंने एक गांव में खींची थी. उस महिला को पांच दिन तक इसलिए घर में नहीं घुसने दिया गया, क्योंकि वह एक सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया से गुजर रही थी.

भाषण में किया इन इलाकों का जिक्र जस्टिस संजय करोल ने यह नहीं बताया कि यह तस्वीर उन्होंने कहां खींची थी. हालांकि, उन्होंने भाषण में बिहार और त्रिपुरा के सुदूर इलाकों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ऐसी जगहों पर अब तक न्यायिक व्यवस्था नहीं पहुंच पाई है. उन्होंने कहा कि बड़े शहरों तक सीमित दृष्टि से न्यायिक व्यवस्था को नहीं चलाया जा सकता. कोर्ट को वहां तक देखना होगा, जहां के लोग उस तक नहीं पहुंच सकते.

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!