पैरालाइसिस से हुआ तहसील अधिवक्ता का निधनl
जन नायक सम्राट ब्यूरो कासगंज
कोतवाली कासगंज क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बेरी निवासी अधिवक्ता सचिन सिसौदिया उर्फ प्रवीन पुत्र रनवीर सिंह की रविवार तड़के आगरा में उपचार के दौरान मौत हो गई। करीब 40 वर्षीय अधिवक्ता सहज, सरल एवं विनम्र स्वभाव के थे। वह सदर तहसील कासगंज में वकालत करते थे। इनके पिता मोहनपुरा के रानी अवंती बाई इंटर कॉलेज, रामपुर में अध्यापक हैं। सचिन ने अपने कैरियर की शुरुआत सदर तहसील में एडवोकेट धर्मेंद्र साहू नोटरी के यहां की, काफी लगनशील व परिश्रमी होने के कारण बाद में वह कमरा नंबर दो में स्वतंत्र रूप से वकालत करने लगे। गांव बेरी निवासी मृतक के रिश्तेदार विनीत कुमार सिंह ने बताया कि करीब तीन दिन पूर्व सचिन को रक्तचाप बढ़ने की शिकायत होने पर परिजन इलाज के लिए हाथरस ले गए जहां डॉक्टर ने पैरालाइसिस की शिकायत बताई। हालत में अपेक्षित सुधार न होने पर इन्हें आगरा के लिए रेफर कर दिया गया। आगरा के रेनबो अस्पताल में इनकी हालत में एक दिन पूर्व कुछ सुधार हुआ किंतु शनिवार की रात अचानक हालत फिर खराब हुई और हृदयाघात एवं हेमरेज होने के कारण तड़के 3 बजे करीब मृत्यु हो गई। परिजन शव को लेकर बापस गांव आ गए जहां रविवार दोपहर को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अधिवक्ता के निधन पर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
रोते बिलखते रह गए दो मासूम बच्चे
मृतक अधिवक्ता सचिन के दस वर्षीय बेटी अंशू एवं सात वर्षीय बेटा दक्ष का रो रोकर बुरा हाल है, इतनी छोटी सी उम्र में पिता का साया उनके ऊपर से उठ गया। मां रीनू गृहणी है, पति की मौत से वह खुद बुरी तरह टूट चुकी है और किसी तरह बच्चों को ढांढस बंधा रही है। यह नजारा देखकर हर किसी की आंखे नम हो गईं।
वृद्ध पिता पर टूटा दुखों का पहाड़
मृतक के पिता रनवीर सिंह की उम्र करीब 70 वर्ष है। इनके तीन बेटे थे, सबसे बड़े बेटे की तकरीबन बीस वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई थी। जैसे तैसे खुद को संभालकर बाकी के दो बेटों का पालन पोषण किया और हसीं खुशी जीवन यापन करने लगे किंतु ईश्वर को शायद कुछ और ही मंजूर था। सबसे छोटा बेटा सचिन भी उनसे दूर हो गया, अब उनका मात्र एक बेटा बचा है। इस घटना ने वृद्ध पिता को झकझोरकर रख दिया, मानो उनके ऊपर दुखों का पहाड़ गिर गया हो। स्थानीय लोग बमुश्किल उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे हैं।