केंद्र सरकार ने भारतीयों के डिस्पोजेबल इनकम के आंकड़ों में सुधार करते हुए अपने पहले के अनुमान में बदलाव किया
वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने पहले डिस्पोजेबल इनकम को 2.12 लाख रुपये रहने की उम्मीद जताई
केंद्र सरकार ने भारतीयों के डिस्पोजेबल इनकम के आंकड़ों में सुधार करते हुए अपने पहले के अनुमान में बदलाव किया है. वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने पहले डिस्पोजेबल इनकम को 2.12 लाख रुपये रहने की उम्मीद जताई थी, जिसे अब बढ़ाकर 2.14 लाख रुपये कर दिया गया है. जीडीपी के आंकड़े जारी होने के एक दिन बाद डिस्पोजेबल इनकम के डेटा में बदलाव किया गया है.वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर के दौरान 8.4 फीसदी के दर से देश ने आर्थिक विकास किया है. तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 8.4 फीसदी थी. वहीं दूसरी तिमाही में यह 7.6 फीसदी रही थी. गुरुवार को जारी किए गए जीडीपी के ताजे आंकड़ों के बाद से ग्रास डिस्पोजेबल इनकम, नेट नेशनल डिस्पोजेबल इनकम और प्रति व्यक्ति डिस्पोजेबल इनकम में बदलाव की उम्मीद जताई जा रही थी. वित्त वर्ष 2024 में देश में प्रति व्यक्ति डिस्पोजेबल इनकम में 8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं पिछले साल इसमें 13.3 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई थी.
बढ़ सकती है भारत की ग्रास डिस्पोजेबल इनकम देश के ग्रास डिस्पोजेबल इनकम वित्त वर्ष 2024 में 13.8 फीसदी की बजाय 8.9 फीसदी की दर और वित्त वर्ष 2023 में 8.9 फीसदी के बजाय 14.5 फीसदी के दर से बढ़ सकती है. GNDI के कैल्कुलेशन के अनुसार भारत की सकल बचत वित्त वर्ष 2022-23 में 30 फीसदी से कम होकर 29.70 फीसदी हो गई है. वहीं पिछले वित्त वर्ष यह 30.80 फीसदी रही है.