तीन साल तक चली लंबी सुनवाई के बाद अदालत का फैसला आ गया
अदालत ने दंपति समेत चार को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा का ऐलान
तांत्रिक के कहने पर बच्ची की हत्या के मामले में फैसला आ गया है. कानपुर देहात की अदालत ने बच्ची का कलेजा निकालकर खाने वाले दंपति समेत चार को उम्रैकद की सजा सुनाई है. साल 2020 में दिवाली की रात घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव से 6 साल की बच्ची लापता हो गई थी. अगले दिन मासूम का शव वीभत्स अवस्था में बरामद हुआ. नर पिशाचों ने बच्ची का कलेजा निकालकर खाया था. 3 साल तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया.परशुराम और सुनैना को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. घटना में सहयोग करने वाले वीरेन और अंकुल को भी आजीवन कारावास की सजा दी गई. शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने बताया कि घटना को अंजाम औलाद की चाहत में दिया गया था. दंपति को तांत्रिक ने बताया था कि बच्ची का कलेजा निकालकर खाने से संतान का सुख प्राप्त होगा. तांत्रिक के सुझाव पर पति पत्नी ने गांव की एक मासूम बच्ची को दो अन्य लोगों की मदद से अगवा कराया.
तंत्र-मंत्र के चक्कर में बच्ची की हत्या
वीरेन और अंकुल को दंपति ने पैसे की लालच दी. लालच में दोनों ने बहाने से बच्ची को कब्जे में लिया. अगवा करने के बाद नशे की हालत में बच्ची से रेप किया गया. रेप के बाद मासूम की हत्या कर दी गई. हत्या के बाद बच्ची का सीना चीरकर कलेजा निकाल लिया. दोनों ने कलेजा परशुराम और सुनैना के हवाले कर दिया. परशुराम और सुनैना ने दिवाली की रात रोटी में लगाकर खा लिया. अगले दिन सुबह मासूम बच्ची का शव बरामद होने पर खूब बवाल हुआ.
संतान सुख प्राप्त करने की थी चाहत
साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने दंपति समेत भतीजे वीरेन और अंकुल को गिरफ्तार कर लिया. अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने बताया कि सुनवाई के दौरान 10 से अधिक लोगों की गवाही हुई. अदालत ने सभी चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी सुनिश्चित किया.
पीड़ित पिता ने अदालत के फैसले पर संतोष जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि विभत्स घटना अब किसी अन्य परिवार के साथ ना हो. भले हम बेऔलाद हो गए हों लेकिन किसी अन्य के साथ रूह कंपा देनेवाली घटना न घटे. उन्होंने कहा कि चारों को फांसी मिलने की उम्मीद थी. बहरहाल, अदालत का फैसला संतुष्ट करनेवाला है.