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देवोत्थान एकादशी की तिथि एक नवंबर को प्रातः 09:11 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 02 नवंबर को प्रातः 07:31 बजे तक रहेगी
एकादशी के साथ विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत आदि मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी।

विवाह के कुल 26 मुहूर्त उपलब्ध होंगे। इनमें एक नवंबर को देवोत्थान एकादशी, 23 जनवरी को वसंत पंचमी व 19 फरवरी को फुलेरादूज अनबूझे मुहूर्त होंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि नवंबर में 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29 व 30 समेत नौ वैवाहिक मुहूर्त हैं। इसके बाद दिसंबर में 04, 10 व 11 समेत तीन मुहूर्त होंगे। 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा, जो तीन फरवरी 2026 तक चलेगा। इस दौरान विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं होंगे। इसके बाद फरवरी और मार्च में सहालग शुरू होंगे।उन्होंने बताया कि खरमास समाप्त होने के बाद फरवरी 2026 में नौ दिन विवाह के लिए उपयुक्त रहेंगे। इनमें 03, 04, 05, 10, 13, 15, 19, 20, 21 फरवरी को शुभ मुहूर्त रहेंगे। मार्च में 06, 09, 10, 11, 12 समेत पांच शुभ लग्न मुहूर्त हैं। 14 मार्च के बाद फिर से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने कहा है कि देवोत्थान एकादशी की तिथि एक नवंबर को प्रातः 09:11 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 02 नवंबर को प्रातः 07:31 बजे तक रहेगी। एकादशी के साथ विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत आदि मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी।कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को देवोत्थान एकादशी पर देव चार महीने की योग निद्रा त्यागकर सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। ऐसे में एकादशी व्रत गृहस्थ लोग शनिवार को करेंगे। वहीं वैष्णव आदि लोग उदया तिथि एकादशी व्रत के साथ देवोत्थान दो नवंबर को मनाएंगे। देवोत्थान एकादशी के साथ ही चातुर्मास खत्म हो जाएंगे।उन्होंने बताया कि इस दिन भगवान शालिग्राम और देवी तुलसी का विवाह भी होगा। भगवान शालिग्राम की पूजा के विषय और शुभ मुहूर्त की जानकारी देते हुए बताया कि इस दिन अभिजित मुहूर्त प्रातः 11:42 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक रहेगा। अमृत काल प्रातः 11:17 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक रहेगा। रवि योग प्रातः 06:33 मिनट से शाम 06:20 बजे तक रहेगा।



