राजनीति

चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. सात चरणों में चुनाव होंगे.

लोकसभा चुनाव के बाद से ही वाराणसी को सियासत का सबसे बड़ा अखाड़ा माना जाता है

चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. सात चरणों में चुनाव होंगे. तो वहीं उत्तर प्रदेश में भी सात चरणों में चुनाव होंगे. वाराणसी लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्रों में गिनी जाने वाली सीटों में से एक है. इस सीट पर इलेक्शन सातवें चरण यानी 1 जून को होगा. 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से ही वाराणसी को सियासत का सबसे बड़ा अखाड़ा माना जाता है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक वाराणसी लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन की तरफ से किसी भी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी की लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का नाम सबसे आगे चल रहा है और इस पर लगभग फाइनल मुहर भी लग चुकी है.

क्या कांग्रेस लगाएगी अजय राय के नाम पर मुहर? वाराणसी की लोकसभा सीट पर अजय राय एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के सामने चुनाव लड़ सकते हैं. कांग्रेस पार्टी के हाईकमान की तरफ से अजय राय के नाम पर फाइनल मुहर लग चुकी है. वहीं सीट को लेकर अजय राय से बातचीत जारी है. अगर अजय राय वाराणसी की सीट पर सहमति जताते हैं, तो तीसरी बार वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से उम्मीदवार होंगे. इससे पहले वह 2014 लोकसभा चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे.हालांकि यह भी जानकारी सामने आ रही है कि उन्होंने बलिया और वाराणसी सीट पर चुनाव लड़ने को प्राथमिकता जताई थी, लेकिन बलिया की सीट पर समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार होगा. इसलिए वाराणसी की सीट पर उनका लड़ना लगभग तय माना जा रहा है. 22 मार्च के पहले कांग्रेस पार्टी की लखनऊ में होने वाली बैठक के ठीक पहले माना जा रहा है कि उनके नाम का ऐलान कर दिया जाएगा. हालांकि अभी इसकी तरफ से कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन की ओर से कोई भी आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है.

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी की राह वाराणसी में आसान नहीं इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर अगर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय वाराणसी से चुनाव लड़ते हैं तो इस लोकसभा सीट पर उनके लिए चुनावी राह इतनी आसान नहीं होगी. इस सीट पर बीजेपी के सबसे बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं और 2014 और 2019 में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ न केवल अजय राय की हार हुई थी, बल्कि 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में भी वह वाराणसी के पिंडरा विधानसभा से चुनाव हारे थे.इसके अलावा वाराणसी सीट पर बीजेपी ने विशेष समीकरण के तहत सबसे बड़ी जीत हासिल करने की रणनीति तैयार कर ग्राउंड पर काम करना शुरू कर दिया हैं. जिसकी कमान खुद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने संभाली है. हालांकि अजय राय के लिए एक सकारात्मक पहलू है कि वह वाराणसी के रहने वाले हैं और उन्होंने मजबूती के साथ प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के नेता के तौर पर विपक्ष की आवाज बुलंद की है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर अजय राय अगर वाराणसी से प्रत्याशी होते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी को इस लोकसभा सीट पर कितनी चुनौती दे पाते हैं.

JNS News 24

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