देश

राजधानी दिल्ली में शुक्रवार (26 अप्रैल) को मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर भारतीय चुनाव आयोग ने बड़ी टिप्पणी

दिल्ली नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी किया गया.

राजधानी दिल्ली में शुक्रवार (26 अप्रैल) को मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर भारतीय चुनाव आयोग ने बड़ी टिप्पणी की है. बुधवार (24 अप्रैल) को देर शाम चुनाव आयोग की तरफ से दिल्ली नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी किया गया. आयोग ने पत्र लिखकर सूचित किया कि दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए मतदान की प्रस्तावित तारीख यानी 26 अप्रैल पर आयोग को कोई आपत्ति नहीं है.हालांकि, उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने अभी तक चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है. पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति का काम नगरपालिका सचिव से लेकर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आयुक्त के पास जाता है और फिर शहरी विकास सचिव, मुख्य सचिव, शहरी विकास मंत्री और मुख्यमंत्री के पास होता है या फिर उपराज्यपाल के पास जाता है.दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की फाइल उन्हें दरकिनार कर एलजी कार्यालय को भेज दी गई थी. जबकि आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया कि एलजी ऑफिस को अभी तक मुख्यमंत्री ऑफिस से फाइल प्राप्त नहीं हुई है. नगर निकाय के अधिकारियों के अनुसार पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न हो पाने की वजह से मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को स्थगित किया जा सकता है. पिछले हफ्ते नगरपालिका सचिव ने मॉडल कोड के अनुसार मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की मंजूरी मांगी थी.

पीठासीन अधिकारी को लेकर फंसा पेंच
चुनाव आयोग ने नगर निगम सचिव के पत्र पर अपने जवाब में कहा कि आम चुनावों के लिए आयोजन हो चुका है. आयोग को एमसीसी के दृष्टिकोण से उसमें दिए गए प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है. नगर निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है या नहीं? कुछ स्पष्टता मिलने के बाद ही हम आगे की कार्रवाई तय कर पाएंगे.

सौरभ भारद्वाज ने लगाया ये आरोप
एमसीडी ने कहा मेयर चुनाव अप्रैल में सदन की पहली बैठक में होने की उम्मीद थी. अगर मंजूरी नहीं मिलती, तो चुनाव स्थगित होने की संभावना है. आधिकारिक सूत्रों ने पहले संकेत दिया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है या इसमें देरी हो सकती है. मंगलवार को सौरभ भारद्वाज ने एलजी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से संबंधित फाइल मुख्य सचिव ने दरकिनार करते हुए सीधे एलजी कार्यालय भेज दिया था.सौरभ भारद्वाज ने एलजी से अनुरोध किया कि फाइल मुख्य सचिव को इस निर्देश के साथ लौटा दी जाए कि इसे शहरी विकास मंत्री के माध्यम से एलजी कार्यालय भेजा जाना चाहिए. मेयर का चुनाव 26 अप्रैल को निगम की पहली सदन की बैठक में आयोजित किया जाना है और सदन के लिए नागरिक निकाय के एजेंडे में इसका उल्लेख किया गया है.

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!