रंग पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है. इस पर्व के दिन देवी-देवता को गुलाल लगाया जाता है.
रंग पंचमी का पर्व.रंग पंचमी के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-
रंग पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है. इस पर्व के दिन देवी-देवता को गुलाल लगाया जाता है. इस दिन विशेष तौर पर राधा-कृष्ण जी की पूजा-अर्चना की जाती है. आइये जानते हैं हिंदू पंचाग के अनुसार कब और क्यों मनाया जाता है रंग पंचमी का पर्व.रंग पंचमी के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. रंग पंचमी हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. रंग पंचमी को रंग खेलने वाली होली के 5 दिन के बाद मनाया जाता है.साल 2024 में रंग पंचमी का पर्व आज 30 मार्च, शनिवार के दिन मनाया जा रहा है. पंचमी पर मनाए जाने के कारण इस पर्व को रंग पंचमी कहा जाता है. देवी-देवताओं को गुलाल लगाया जाता है. इस दिन को होली उत्सव का आखिरी दिन माना जाता है. प्राचीन काल में होली के त्योहार को कई दिनों तक मनाया जाता था लेकिन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को होली का अंतिम दिन माना जाता था.इस पर्व को उत्तर भारत, महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों में धूम-धाम से मनाया जाता है.रंग पंचमी के दिन राधारानी के बरसाने के प्रसिद्ध मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है.
रंग पंचमी तिथि 2024 (Rang Panchami Tithi 2024)पंचमी तिथि प्रारम्भ – मार्च 29, 2024 रात 8:20 बजे
पंचमी तिथि समाप्त – मार्च 30, 2024 रात 9:13 बजे भारत में कुछ स्थानों पर रंग पंचमी पर होली खेली जाती है. मथुरा और वृंदावन के कुछ मन्दिरों में भी रंग पंचमी के बाद होलिका उत्सव का समापन होता है. रंग पंचमी का महत्व ( Rang Panchami Importance) रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण राधा रानी के साथ होली खेला करते थे. रंग पंचमी के दिन देवी-देवताओं को गुलाल-अबीर अर्पित करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.
रंग पंचमी के दिन पूजा विधि (Rang panchami Puja Vidhi)
- रंगपंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें
- घर के किसी साफ स्थान पर राधा-कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें.
- तस्वीर के पास ही तांबे का पानी से भरा कलश भी रखें.
- इसके बाद तस्वीर पर कुंकम से तिलक लगाएं और फूल माला पहनाएं.