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दिल्ली में  इस साल पहली मानसूनी बारिश का असर दिखा. लगातार तीन घंटे से ज्यादा समय तक हुई

जलमग्न हो गए और एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए, पीडब्लूडी और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की सारी तैयारियों की बारिश ने बेकार कर दिया. 

दिल्ली में  इस साल पहली मानसूनी बारिश का असर दिखा. लगातार तीन घंटे से ज्यादा समय तक हुई बारिश की वजह से पिछले 88 साल में जून माह में रिकॉर्ड बारिश हुई. बारिश से जुड़े हादसों में राष्ट्रीय राजधानी में पांच लोगों की मौत हो गई. बारिश के कारण दिल्ली एनसीआर के अधिकांश हिस्से जलमग्न हो गए और एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए, पीडब्लूडी और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की सारी तैयारियों की बारिश ने बेकार कर दिया.

  • इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की छत का एक हिस्सा वहां खड़ी कारों पर गिर पड़ा, जिससे एक कैब चालक की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए. इस हादसे के बाद विमानों का परिचालन स्थगित करना पड़ा.
  • रोहिणी के प्रेम नगर इलाके में 39 वर्षीय व्यक्ति की करंट लगने से मौत हो गई.
  • शाहदरा के न्यू उस्मानपुर इलाके में बारिश के पानी में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई.
  • उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में एक अंडरपास में जमा बारिश के पानी में डूबने से 20 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई.

अभी तक नहीं मिले तीन मजदूर

वसंत विहार में सुबह एक निर्माणाधीन दीवार गिरने से तीन मजदूर मलबे में दब गए. बचाव कार्य शाम तक जारी रहा लेकिन गुजरते वक्त के साथ उनके बचने की उम्मीदें दम तोड़ रही हैं.

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1936 के बाद शहर में पिछले 88 वर्षों में जून में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई और 1901 से 2024 की अवधि में यह दूसरी सबसे अधिक बरसात है.

कई सांसदों के आवास हुए जलमग्न

मानसून की पहली बारिश में ही दिल्ली के विभिन्न पॉश इलाकों में पानी भर गया जिनमें लुटियंस दिल्ली भी शामिल है. जहां कई मंत्रियों और सांसदों का आवास है. भारी बारिश के बाद जलभराव से सांसदों को संसद पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी, कांग्रेस के शशि थरूर और मनीष तिवारी तथा समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव सहित कई सांसदों के बंगले जलमग्न हो गए.

बारिश ने ​बदल दिया दिल्ली का नजारा 

दिल्लीवासी सुबह जब सोकर उठे तब तक भारी बारिश राजधानी को तर-बतर कर चुकी थी. इस दौरान लोगों के घरों में पानी भर गया, वाहन डूब गए और मीलों लंबा यातायात जाम लग गया, जिसे खत्म होने में घंटों लग गए. हजारों यात्री सड़कों पर फंसे रहे, जिनमें से कई अपने कार्यालय और दूसरे कामों पर नहीं जा सके.

बारिश के बाद प्रगति मैदान की सुरंग बंद कर दी गई. इसके अलावा, द्वारका अंडरपास, मिंटो रोड, मूलचंद, लुटियंस दिल्ली, हौज खास, साउथ एक्सटेंशन और मयूर विहार जैसे पॉश इलाकों समेत पूरे शहर में घरों में पानी भरने की खबरें मिली हैं.

औसत से तीन गुना ज्यादा हुई बारिश 

शहर के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार सुबह आठ बजकर 30 बजे से पहले के 24 घंटों में 228.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की, जो जून की औसत बारिश 74.1 मिलीमीटर से तीन गुना अधिक है. साल 1936 के बाद से 88 वर्षों में इस महीने में हुई यह सबसे अधिक बारिश है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार एक दिन में 124.5 से 244.4 मिमी के बीच हुई बारिश बहुत भारी बारिश मानी जाती है. आईएमडी ने कहा कि दिल्ली में मानसून दस्तक दे चुका है.

JNS News 24

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