12 दिसंबर को है साल का आखिरी अमावस्या दूर हो जाएंगे सारे संकट
भौमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान एवं दान का विशेष महत्व
इस वर्ष का आखिरी अमावस्या 12 दिसंबर को है जिसे काफी खास माना जा रहा है. मंगलवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण आखिरी अमावस्या को भौमवाती के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलेगी. वहीं इस दिन पितरों की पूजा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.लोकल 18 से विशेष बातचीत में कोडरमा स्टेशन के समीप स्थित काली मंदिर के मुख्य पुजारी विजय उपाध्याय ने बताया कि भौमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान एवं दान का विशेष महत्व है. उन्होंने बताया कि इस दिन हनुमान जी को उड़हुल का फूल अर्पित करने से उनकी कृपा घर परिवार पर बनी रहती है इसके साथ इस दिन वट वृक्ष में फेरी दी जाती है.विजय उपाध्याय ने बताया कि भौमवती अमावस्या के दिन गंगा के तट पर स्नान करना एवं सत्यनारायण कथा सुनने का भी विशेष महत्व है.यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश गंगा के तट पर स्नान के लिए नहीं पहुंच पाते हैं तो वह अपने घर में बाल्टी के पानी में गंगाजल की कुछ बूंद एवं तिल डालकर स्नान कर सकते हैं इससे उन्हें गंगा स्नान का लाभ प्राप्त होगा.
इनको भोजन कराने से यज्ञ के बराबर मिलेगा पूण्य
इस दिन ब्राह्मण,साधु, वैष्णव, बाल ब्रह्मचारी, त्यागी सन्यासी को भोजन कराने से यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि अमावस्या तिथि को तर्पण और कर्ज से मुक्ति के लिए बहुत खास माना गया है.