मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान का महीना बहुत ही पाक (पवित्र) होता है
11 मार्च 2024 से हो रही है. 12 मार्च को रमजान का पहला और 9 अप्रैल को आखिरी रोजा रखा जाएगा.
मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान का महीना बहुत ही पाक (पवित्र) होता है. यह इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार साल का नौंवा महीना होता है. रमजान के पाक महीने में लोग पूरे एक महीने तक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा (व्रत) रखते हैं. साथ ही माह-ए-रमाजन में नमाज अदा करने, जकात, फितरा आदि का भी महत्व होता है. मान्यता है कि रमजान में अल्लाह की इबादत करने और नेक काम करने का 70 गुणा अधिक सवाब (पुण्य) मिलता है.इस साल रमजान महीने की शुरुआत 11 मार्च 2024 से हो रही है. 12 मार्च को रमजान का पहला और 9 अप्रैल को आखिरी रोजा रखा जाएगा. वहीं ईद-उल-फितर का पर्व 10 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा. इस्लाम में रमजान महीने से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं, जिसका पालन हर मुसलमान को करना चाहिए. आइये जानते हैं रमजान महीने से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में.क्या करें: रमजान के पवित्र महीने में रोजाना पांच वक्त की नमाज अदा करना अनिवार्य होता है. रोजा रखने पर सही वक्त पर सहरी और इफ्तार करें. इस माह खुदा की इबादत और नेक कामों को अधिक से अधिक करें. रमजान में रोजा के दौरान अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा दान जरूर करें. इसे जकात कहा जाता है. साथ ही जरूरतमंदों को सहरी और इफ्तार के लिए खाने-पीने की चीजों का दान करें.
क्या नहीं करें: रोजा रखने वाले मुसलमानों को रोजा के दौरान ध्रूमपान नहीं करना चाहिए. सहरी करने के बाद आप कुछ भी न खाएं पीएं. सहरी के बाद सीधा इफ्तार के समय रोजा खोलें. रमजान में म्यूजिक सुनना, टीवी देखना या मनोरंजन आदि के लिए फिल्में देखने से बचें. इस महीने आप अल्लाह की इबादत में अधिक से अधिक समय बिताएं. रोजा रखने के दौरान शारीरिक संबंध भी नहीं बनाना चाहिए. रोजा के दौरान किसी अन्य व्यक्ति के प्रति मन में द्वेष भावना भी नहीं रखना चाहिए. गाली-गलौज या वाद-विवाद से भी इस दौरान दूर रहें. रोजा के दौरान दवा का सेवन भी नहीं करना चाहिए. इससे रोजा टूट सकता है. यदि आपको कोई गंभीर बीमारी है या दिन में दवा लेना जरूरी है तो ऐसे में रोजा न रखने की इजाजत है.