दृष्टि की पवित्रता का नाम उत्तम ब्रह्मचर्य
श्री लख्मीचंद पांड्या खंडेलवाल दिगंबर जैन ट्रस्ट मंदिर में श्रीजी का श्रावकों ने अभिषेक ,शांतिधारा एवं सामूहिक पूजन मथुरा से पधारे

दशलक्षणपर्व के अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म ,अनंत चर्तुदशी पर्व पर शनिवार को खिरनी गेट स्थित श्री लख्मीचंद पांड्या खंडेलवाल दिगंबर जैन ट्रस्ट मंदिर में श्रीजी का श्रावकों ने अभिषेक ,शांतिधारा एवं सामूहिक पूजन मथुरा से पधारे अंकित जैन शास्त्री के निर्देशन में सम्पन्न हुई। श्रावक श्राविकाओं ने निर्वाण काण्ड का उच्चारण करते हुए वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याणक दिवस पर निर्वाण लाडू श्रीजी के समक्ष समर्पित किया। उत्तम ब्रह्मचर्य बतलाता है कि जिस की दृष्टि में वासना है उसके लिए नारी विष बेल है। लेकिन नारी विष बेल होती तो उसके फल में भी विष फल ही लगते। तीर्थंकर भगवान आदि जन्म नहीं लेते। जिनकी दृष्टि में मां बहन और पुत्री नजर आती उनके लिए वह विष बेेल नहीं है। इसलिए सबसे पहले दृष्टि की पवित्रता को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म कहा गया है। हर इंसान को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए। वासना और पाखंड से मन को कभी भी विचलित नहीं होने देना चाहिए। नारी में माता,बहन का आदर लाना व्यवहार ब्रह्मचर्य है। हमें उत्तम ब्रह्मचर्य का पालन करके अपनी आत्मा में रमन करना चाहिए।सदभावों व सद्गुणों का पालन करने का संकल्प लेते लेना चाइए। ब्रह्मचर्य का पालन करने से व्यक्ति को ब्रह्मांड का ज्ञान और शक्ति प्राप्त होती है। उत्तम ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल इंद्रियों तक की सीमित नहीं है बाकी यह विचार,वचन और कर्म की पवित्रता का मार्ग है इसके माध्यम से आत्मा शुद्ध होकर मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर होती है ब्रह्मचर्य की साधना पतित से पावन बनाने का साधन है ब्रह्मचर्य का पालन करके जीवन ,धर्म,यश और शील की रक्षा की जा सकती है यदि यौवन को ब्रह्मचर्य के बिना जिया जाए शक्ति का नाश होकर बुद्धि, कार्यक्षमता , प्रसन्नता समय से पूर्व ही क्षीण हो जाती है और अकाल मृत्यु का कारण बनती है। आगरा रोड पर चल रहे राहगीरों के लिए भोजन वितरण के पुण्यार्जक सतेंद्र कुमार जैन प्रभारानी जैन ,अशोक जैन दोषी,अमित जैन दोषी,ऋषि जैन, सीमा जैन परिवार रहे।दोपहर को श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन खंडेलवाल मंदिर पंचायत में श्री पार्श्वनाथ विधान करने का सौभाग्य मिलाप चन्द्र जैन अरुणा जैन परिवार को प्राप्त हुआ। उसके उपरांत मंदिरों मे श्रीजी का स्वर्ण कलशों से जलाभिषेक करने का सौभाग्य सुरेश कुमार जैन गढ़ी,कैलाश चंद्र जैन,मिलाप चन्द्र जैन,जगवीर किशोर जैन,राजीव जैन ,संजय जैन परिवार को प्राप्त हुआ। शाम को आरती, प्रवचन एवं कुंदनलाल जैन बाल विद्यालय के बच्चों द्वारा बहुत ही सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन उमेश जैन ने किया।
इस मौके पर विद्यालय के।अध्यक्ष राजीव जैन ,मंत्री यतेंद्र जैन,कोषाध्यक्ष पुष्पेंद्र जैन ,ज्ञानेंद्र कुमार जैन ,मुकेश जैन,मयंक जैन,हेमंत जैन,अरुण कुमार जैन,मनोज जैन एवं समाज के महिला पुरुष बच्चे उपस्थित रहे।



