एटा के जलेसर में अखिलेश यादव की जनसभा के दौरान पंडाल टूट गया। इस वजह से यहां अफरा-तफरी मच गई।
सभा में आई भीड़ को देख अखिलेश यादव ने कहा कि 'मुझे ऐसा लगता है कि ये शहर इतिहास रह सकता है।
एटा के जलेसर में अखिलेश यादव की जनसभा के दौरान पंडाल टूट गया। इस वजह से यहां अफरा-तफरी मच गई। हालांकि किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के मतदान से पहले अखिलेश यादव की एटा के जलेसर क्षेत्र में जनसभा हुई। सपा मुखिया यहां से आगरा लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी सुरेश चंद्र कर्दम के समर्थन में बोल रहे थे, उसी दौरान पंडाल टूट गया। पंडाल टूटते ही अफरा-तफरी मच गई। हालांकि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।जलेसर में सपा मुखिया अखिलेश यादव की जनसभा के दौरान हादसा हो गया। बताया गया है कि जैसे ही अखिलेश यादव जनसभा में पहुंचे, तभी कुछ उत्साहित युवा पंडाल के पोलों पर चढ़ गए। इस दौरान पोल टूटे और पंडाल गिर गया। इस वजह से कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि बाद में सभा को सुचारू रूप से शुरू करा दिया गया। सभा में आई भीड़ को देख अखिलेश यादव ने कहा कि ‘मुझे ऐसा लगता है कि ये शहर इतिहास रह सकता है। जलेसर से आगरा के प्रत्याशी जीतने जा रहे हैं । पहले दूसरे चरण के बाद तीसरे चरण में यह जो हमारा परिवार है पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक, मुसलमान भाई, पिछड़ा दलित आदिवासी और हमारे अल्पसंख्यक आदिवासी भाई यह सब मिलकर इस बार परिवर्तन पर भारतीय जनता पार्टी को पलटने जा रहे हैं। मुझे महसूस हो रहा है जिन्होंने अच्छे दिन की बात कही थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी के हारने के बाद खुशियों के दिन आने वाले हैं।
अखिलेश यादव ने किसानों के लिए लाए गए तीन कानूनों पर भी भाजपा को घेरा। कहा कि किसानों ने इन कानूनों का विरोध किया। जिसमें संघर्ष करते हुए कई किसान शहीद हो गए। किसानों की मेहनत रंग लाई और तीनों काले कानून वापस हो गए, लेकिन किसानों की जो मदद होनी थी वह नहीं हुई। पीएम मोदी ने अपने मित्रों का कर्ज माफ किया, किसानों का नहीं। भाजपा सरकार में किसानों का जो शोषण हुआ है वह किसी सरकार में नहीं हुआ। सरकार बनने पर हमारी सरकार द्वारा कानूनी अधिकार देकर किसानों को खुशहाल बनाने का कार्य किया जाएगा। अखिलेश यादव ने कहा कि अग्निवीर तो दो-चार साल की नौकरी आई है। इंडिया गठबंधन बनेगा तो यह खत्म होगी, लेकिन खाकी वर्दी पहनने वाले भाइयों को बताना चाहते हैं बीजेपी वाले आ गए और फौजी की तो चार साल की नौकरी थी इन खाकी वालों की तीन साल की हो जाएगी। यह बीजेपी वाले कुछ भी कर सकते हैं।