साल 2024 की आज से शुरुआत हो चुकी है और आज ही के दिन साल का पहला सोमवार भी पड़ रहा है
बरसेगी महादेव की अनुकंपा, धन-धान्य से रहेंगे संपन्न
आखिरकार साल 2024 आ ही गया जिसका हम सभी को बेसबरी से इंतजार था। देखा जाए तो इस बार साल 2024 के पहले दिन की शुरुआत सोमवार से हो रही है और हिंदू धर्म के अनुसार यह दिन भोलेनाथ को पूर्णतः समर्पित है। आज से साल का पहला सोमवार शुरू होने जा रहा है जो अपने आप में बेहद शुभ योग बना रहा है। आज के दिन आप भगवान शिव को उनकी आराधना कर उन्हें प्रसन्न करने के साथी ही साथ साल भर उनकी कृपा का पात्र बन सकते हैं।ऐसे में हम आपको शास्त्रीय विधि के अनुसार महादेव की पूजा विधि बताने जा रहे हैं। इस विशेष पूजा विधि के माध्यम से आप भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन के समस्त भौतिक सुखों को प्राप्त करने के साथ ही साथ जीवन के हर दुःख-संताप को दूर कर सकते हैं। मान्यता है कि कैलाश पति शिव यदि एक बार भी कृपा कर देते हैं तो उस भक्त को जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। ऐसे में साल 2024 का पहला सोमवार अपने आप में बहुत खास है, तो आज आप इन सरल पूजा विधियों को अपना कर भोले बाबा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
नए साल 2024 के पहले सोमवार की विशेष पूजा विधि
- आज सोमवार के दिन प्रातः उठ कर स्नान करें और संभव हो सके तो गंगाजल को नहाने के जल में डाल लें। स्नान आदि से निवृत हो कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और महादेव के किसी मंदिर में जाकर उनके शिवलिंग पर जलाभिषेक करें, प्रयास करें गाय का दूध भी जल में मिलाकर महादेव के शिवलिंग पर उसे अर्पित करें। शिवलिंग का अभीषेक करते समय आज के दिन आप शिव गाएत्री मंत्र का विधिपूर्वक जाप करें तो महादेव आपसे जल्दी प्रसन्न होंगे और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देंगे। मंत्र इस प्रकार से ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
- आज आप शिव जी के निमित्त व्रत रख सकते हैं और स्नान के बाद जल से आचमन करते हुए व्रत का संकल्प ले सकते हैं। नए साल 2024 के सोमवार के व्रत का पारण आप अगले दिन मंगलवार को कर सकते हैं। व्रत के दौरान एक समय का फलाहार ग्रहण करना उत्तम व्रत की श्रेणी में आता है।
- भगवान शिव की वंदना में आप उन्हें बेलपत्र, शमी के पेड़ की पत्तियां, धतूरा, इत्र और भस्म इत्यादि पूजा सामग्रियां भेंट कर सकते हैं। पूजा में इसके अलावा आप उन्हें कनेर के पुष्प भी पूजा के दैरान अर्पित कर सकते हैं।
- शिव जी के साथ ही साथ आप मां पार्वती की आराधना आज के दिन अवश्य करें। मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए आप उनकी चालीसा का पाठ करें ,ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
- शिव जी को पूजन सामग्री अर्पित करने के बाद हाथ जोड़ कर आंख बंद करें और उनके स्वरूप का ध्यान करें उसके बाद शिव रुद्राष्टकम स्त्रोत का पाठ करें।
- शिव रुद्राष्टकम स्त्रोत का पाठ करने के बाद आप भोलेनाथ संग मां पार्वती देवी की आरती करें।
- आरती करने के बाद आप महादेव को फल और दूध से बनी बर्फी भोग में अर्पित करें। उसके बाद प्रसाद को घर परिवार के सदस्यों में वितरण करें।
- आरती पूजन करने के बाद महादेव की असीम कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा विधि में सबसे महत्वपूर्ण बात है उनकी कथा का पाठ करना, ऐसे में आज आप शिवमहा पुराण पढ़ सकते हैं।
- संध्या काल की पूजा में सूर्यास्त के बाद भगवान शिव के मंत्रों का 11 माला रुद्राक्ष से जाप करें। मंत्र इस प्रकार से – ॐ नमः शिवाय।
- भगवान शिव की वंदना के उपरांत तुलसी, हल्दी, शंख, सिंदूर आदि चीजों का उपयोग बिल्कुल भी न करें। इस बात का खास ध्यान रखते हुए उनकी पूजा करें।
- यदि आप शिव आराधना के दौरान भोलेबाबा के शिवलिंग की परिक्रमा करते हैं, तो इसका नियम साधारण परिक्रमा से थोड़ा अलग है। शिवलिंग की कभी भी पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। अगर आप शिवलिंग की परिक्रमा करते हैं तो बाईं ओर से परिक्रमा की शुरुआत करें और जहां शिवलिंग का अर्धचंद्र बना होता है वहां तक जाकर पुनः अपने स्थान पर लोट आएं। शिवलिंग का जल जहां से प्रवाहित होता है उसे कभी भी लांघना नहीं चाहिए इस कारण से शिवलिंग की आधी परिक्रमा करने का विधान है।