उत्तर प्रदेश में यूं तो हर ओर शोर शराबा है और प्रत्याशियों का एलान
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले देश के सबसे बड़े राज्य
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में यूं तो हर ओर शोर शराबा है और प्रत्याशियों का एलान हो रहा है लेकिन बहुजन समाज पार्टी में सन्नाटे के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. कुछ महीने पहले तक जो समाजवादी पार्टी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा और उसकी सुप्रीमो मायावती पर जुबानी हमले कर रहे थे, वह अभी अब उनके प्रति नरम रुख दिखा रहे हैं. वहीं यूपी में अपने अस्तित्तव की जंग लड़ रही
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता बसपा को मनाने में जुटे हुए हैं. उधर, बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी के साथ अलायंस नहीं करेंगी. बीते दिनों सोशल मीडिया से लेकर सुर्खियों तक इस बात की चर्चा रही की बसपा और कांग्रेस में बैकडोर बातचीत चल रही है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और बसपा सुप्रीमो के बीच कथित तौर पर वार्ता हुई है. चुनाव चाहे नगर निगम का हो या लोकसभा का, हमेशा सबसे पहले प्रत्याशी का एलान करने वाली बसपा फिलहाल खामोश है. इस खामोशी के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती आचार संहिता का इंतजार कर रहीं हैं.इन सबके बीच यूपी में महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने भी सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- उत्तर प्रदेश मे अभी बहुत खेल बाकी है.! मौर्य ने लिखा- बहन कुमारी मायावती जी को निराश हताश और खामोश समझने वालों को जल्द झटका लगेगा.! बड़ा तूफान आने से पहले जैसे पूरी प्रकृति एकदम शांत हो जाती है उसी प्रकार उत्तर प्रदेश मे ये राजनैतिक खामोशी..बसपा के राजनैतिक तूफान आने के पहले की खामोशी है.!दूसरी ओर बसपा चीफ मायावती ने भी सोशल मीडिया साइट एक्स पर अलायंस को लेकर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा था- बीएसपी देश में लोकसभा का आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ रही है. ऐसे में चुनावी गठबंधन या तीसरा मोर्चा आदि बनाने की अफवाह फैलाना यह घोर फेक व गलत न्यूज़. मीडिया ऐसी शरारतपूर्ण खबरें देकर अपनी विश्वसनीयता न खोए. लोग भी सावधान रहें.