बोर्ड एग्जाम पास न कर पाने वाले छात्रों के लिए राहत की खबर है. अब उन्हें फेल होने की स्थिति में फिर से स्कूल में एडमिशन दिया
शिक्षा मंत्रालय इस बारे में विचार कर रहा है. इससे फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ देने वाले छात्रों की संख्या में कमी आने की उम्मीद
बोर्ड एग्जाम पास न कर पाने वाले छात्रों के लिए राहत की खबर है. अब उन्हें फेल होने की स्थिति में फिर से स्कूल में एडमिशन दिया जाएगा और नियमित छात्र ही माना जाएगा. इनके लिए अलग से खास व्यवस्थाएं की जाएंगी और रेग्यूलर स्टूडेंट की ही तरह क्लास अटेंड करने को मिलेगी. शिक्षा मंत्रालय इस बारे में विचार कर रहा है. इससे फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ देने वाले छात्रों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय जल्द ही इस बारे में नियम ला सकता है और ये नियम सभी राज्यों के लिए होगा. इसके तहत दसवीं या बारहवीं में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को रेग्यूलर स्टूडेंट के तौर पर ही स्कूल में एमडिशन मिलेगा और उन्हें सामान्य छात्र की ही तरह सुविधाएं मिलेंगी नाकि एक्स-स्टूडेंट की तरह.इस व्यवस्था की सबसे खास बात ये है कि जब ये स्टूडेंट अगले साल परीक्षा पास कर लेते हैं तो इनके सर्टिफिकेट पर कहीं ये नहीं लिखा होगा कि उन्होंने दूसरे प्रयास में एग्जाम क्लियर किया है या वे एक साल फेल हो चुके हैं. इससे फेल होने पर पढ़ाई छोड़ देने वाले छात्रों की संख्या में कमी आने की आशा है.
12वीं तक रखी जाएगी नजर एजुकेशन मिनिस्ट्री की योजना है कि जब कोई छात्र स्कूल में एडमिशन ले तो 12वीं तक उस पर नजर रखी जाए. वो पढ़ाई बीच में तो नहीं छोड़ रहा ये देखा जाए. हालांकि जो छात्र फेल होने के बाद नियमित स्टूडेंट के तौर पर स्कूल नहीं आना चाहते वे ओपेन स्कूल जैसे ऑप्शन को भी चुन सकते हैं.
क्या है इस फैसले के पीछे वजह
एजुकेशन मिनिस्ट्री ने पाया कि हर साल करीब 46 लाख स्टूडेंट दसवीं और बारहवीं में फेल होते हैं. इनमें से अधिकांश पढ़ाई छोड़ देते हैं. रिपोर्ट बताती है कि साल 2022 में फेल होने वाले 55 फीसदी स्टूडेंट्स ने कहीं भी दाखिला नहीं लिया. इन स्टूडेंट्स ने या तो पढ़ाई छोड़ दी या दूसरे कामों में लग गए.