मयांमार में सत्ता पर सेना के कब्जा करने के बाद लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर देश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी दी
मयांमार में सत्ता पर सेना के कब्जा करने के बाद लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर देश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए सिटवे दूतावास से सभी कर्मचारियों को यांगून में शिफ्ट कर दिया है. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने कहा कि म्यांमार के हालात बिगड़ते जा रहे हैं, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारतीय दूतावास के कर्मचारियों का स्थान परिवर्तन किया गया है.विदेश मंत्रालयल के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत लगातार म्यांमार पर करीब से नजर रख रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि मांडले में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास सही तरीके से काम कर रहा है. तीन भारतीय युवकों के अपहरण के बारे में सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास इस मामले पर काम कर रहा है, जल्द ही तीनों की घर वापसी होगी. दरअसल, म्यांमार के कई इलाकों में वहां की सत्ता पर काबिज सैन्य जुंटा और प्रतिरोधी बलों के बीच हिंसा तेज हो गई है. प्रतिरोधी बल लगातार कुछ इलाकों पर कब्जा करते जा रहे हैं. पिछले सप्ताह जुंटा विरोधी ताकतों ने म्यावड्डी में कई सैन्य ठिकानों और एक कमांड सेंटर पर नियंत्रण बना लिया.
भारत के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि म्यांमार में लगातार स्थितियां बिगड़ती जा रही हैं और हालत बेकाबू हैं. उन्होंने कहा, ‘हम म्यांमार में खासकर रखाइन राज्य पर करीब से नजर रख रहे हैं. हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.’ जायसवाल ने कहा, ‘हमने सिटवे स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास से अपने कर्मचारियों को अस्थायी रूप से यांगून में स्थानांतरित कर दिया है. मांडले में हमारा दूतावास सही तरीके से काम कर रहा है.’म्यावड्डी में जुंटा विरोधी ताकतों के कब्जे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह थाइलैंड के साथ व्यापार का मुख्य स्थान है. प्रतिरोधी बलों ने पहले ही भारत, चीन और बांग्लादेश समेत पड़ोसी देशों की सीमाओं पर व्यापार वाले बिंदुओं पर कब्जा कर लिया है.