इन दिनों हर किसान ऐसी खेती करना चाहता है, जिससे उन्हें कम लागत में अधिक मुनाफा हो सके. अगर आप भी ऐसी खेती के बारे में सोच रहे हैं, तो
मिट्टी का पीएच लेवल 6.5 से 7.5 के बीच में होना चाहिए. प्याज की बुवाई करने से पहले खेत में जल निकासी की व्यवस्था जरूर कर लें.
इन दिनों हर किसान ऐसी खेती करना चाहता है, जिससे उन्हें कम लागत में अधिक मुनाफा हो सके. अगर आप भी ऐसी खेती के बारे में सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है. आज हम आपको प्याज की खेती के बारे में बताएंगे. किसान और प्याज की खेती कर लाखों की कमाई कर सकता है. भारत देश में धान और गेहूं के अलावा प्याज की खेती भी बड़े स्तर पर की जाती है. अधिकतर लोग खाना खाने के साथ प्याज खाना पसंद करते हैं, वही प्याज का इस्तेमाल सलाद से लेकर सब्जी बनाने तक हर चीज में होता है. प्याज की डिमांड देश ही नहीं विदेशों में भी काफी रहती है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होता है. किसान प्याज की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में कर सकता है. प्याज की खेती किसी भी तरह की मिट्टी में की जा सकती है. लेकिन आप बलुई दोमट मिट्टी में प्याज की खेती करते हैं, तो इससे आपको अच्छी उपज मिल सकती है. ध्यान रहे मिट्टी का पीएच लेवल 6.5 से 7.5 के बीच में होना चाहिए. प्याज की बुवाई करने से पहले खेत में जल निकासी की व्यवस्था जरूर कर लें. आप उर्वरकों और खाद का इस्तेमाल बुवाई के पहले भी कर सकते हैं. जानकारी के मुताबिक प्याज की फसल के लिए सल्फर काफी उपयोगी माना गया है यह उपज में सुधार और प्याज के बल्बों की गुणवत्ता का ध्यान रखना है.
सल्फर का उपयोग रोपाई के समय किसान खेत में प्रति हेक्टेयर 25 किलो तक सल्फर डाल सकता है. अगर आप लंबे समय तक प्याज की फसल के लिए सल्फर का उपयोग करना चाहते हैं, तो 50 किलो प्रति हेक्टेयर सल्फर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा आप गोबर की सड़ी खाद का 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर रोपाई से एक दो महीने पहले खेत में डाल सकते हैं. इसके अलावा पोटाश, नाइट्रोजन, जिंक का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं.
विदेशों में भी काफी डिमांड
प्याज में औषधीय गुण पाए जाते हैं. गर्मी के दिनों में प्याज का सेवन करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. अब प्याज का सूप, अचार, सलाद या इससे सब्जी भी बना सकते हैं. प्याज की खेती उत्तर प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश जैसी जगहों पर होती है. बता दें कि महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्याज की खेती करने वाला प्रदेश है. प्याज भारत से जापान, कनाडा, बांग्लादेश सहित 70 से अधिक देशों में भेजे जाते हैं.