अलीगढ़ में इस बार छठ पूजा को लेकर भक्तों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है.
टीकाराम मंदिर में उमड़ी लोगों की भीड़
अलीगढ़ में इस बार छठ पूजा को लेकर भक्तों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. भक्तगण सुबह से ही गंगा घाट और अन्य जलाशयों पर एकत्र हो रहे हैं. यहां परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार छठी मैया को प्रसाद अर्पित करने के लिए भक्त नदियों और तालाबों के किनारे इकट्ठे हो रहे हैं. महिलाएं पारंपरिक साड़ी पहनकर छठी मैया को दूध, फल, और ठेकुआ जैसे प्रसाद अर्पित कर रही हैं और संतान की लंबी उम्र व परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रही हैं.छठ पूजा को लेकर विशेष आयोजन अलीगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में छठ पूजा को लेकर विशेष आयोजन किए गए हैं,जहां भक्तगण पूरी आस्था के साथ सूर्य को अर्घ्य दे रहे हैं. इसके अलावा, घाटों पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध भी किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इस अवसर पर हर ओर भक्ति और श्रद्धा का माहौल है जो श्रद्धालुओं की आस्था को और अधिक बढ़ावा दे रहा है.इस पर्व के दौरान लोगों में विशेष तरह का उत्साह देखा जा रहा है.बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी लोग छठ पूजा में हिस्सा ले रहे हैं.पहले यह पर्व केवल बिहार तक सीमित इस अवसर पर एकजुट होकर पूजा करने से सभी के मन में एकता और सहयोग की भावना भी देखने को मिल रही है.अलीगढ़ में मनाया जा रहा छठ पर्व यह दिखाता है कि कैसे भारत की सांस्कृतिक विविधता पूरे देश में फैली हुई है. पहले यह पर्व केवल बिहार तक सीमित था, लेकिन अब देश के विभिन्न हिस्सों में भी इस पर्व को बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. अलीगढ़ में मनाया जा रहा छठ पूजा का यह दृश्य लोगों की गहरी आस्था, परंपरा और भगवान पर अटूट विश्वास को उजागर करता है.
क्या बोले श्रद्धालु
पूरे मामले को लेकर छठ पूजा में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं में बलराम मंडल से जब बातचीत की गई तो उनके द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया और बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले हैं. 10 वर्षों से अलीगढ़ में रह रहे हैं, जिस तरह से अलीगढ़ में उनके द्वारा यह पर्व मनाया जा रहा है. इसको लेकर उनमें गजब का उत्साह है. यहां नदियों की कमी है, बिहार में जब हम लोगों के द्वारा पर्व मनाया जाता है तो नदियों के पास जाकर यह पर्व मनाया जाता है. लेकिन यहां नदी न होने की वजह से हमारे द्वारा जो व्यवस्थाएं हैं उनके हिसाब से त्यौहार मनाया जा रहा है.