देश में कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार जल्दी ही खदानों की नई नीलामी कर सकती है
कोयला मंत्रालय कोयला खदानों की अगले दौर की नीलामी 10 मई तक कर सकता है.
देश में कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार जल्दी ही खदानों की नई नीलामी कर सकती है. इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि कोयला खदानों की अगली नीलामी अगले महीने यानी मई में की जा सकती है, जिसमें 30 नए कोल ब्लॉक ऑफर किए जा सकते हैं. इतने खदानों के लिए लगेगी बोली ईटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय कोयला खदानों की अगले दौर की नीलामी 10 मई तक कर सकता है. नए दौर की नीलामी में 30 नए कोल ब्लॉक ऑफर किए जा सकते हैं. वहीं पिछले दौर की नीलामी में जिन 50 खदानों के लिए बोलियां नहीं मिल पाई थीं, उन्हें भी अगले दौर की नीलामी में शामिल किया जा सकता है. चुनाव आयोग से मिली मंजूरी रिपोर्ट में मंत्रालय के अधिकारियों क हवाले से बताया गया है कि अगले महीने कोयला खदानों की नीलामी के लिए चुनाव आयोग से मंजूरी ले ली गई है.
दरअसल देश में आज से लोकसभा चुनावों की शुरुआत हो गई है. आज पहले चरण का मतदान किया जा रहा है. लोकसभा चुनाव सात चरणों में हो रहे हैं. अंतिम चरण की वोटिंग 1 जून को होगी और उसके बाद 4 जून को नतीजे जारी किए जाएंगे. चुनाव के चलते आचार संहिता लागू होने से नीलामी के लिए चुनाव आयोग की मंजूरी जरूरी है. केंद्र सरकार कर रही ये प्रयास केंद्र सरकार लगातार देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है. इसके लिए सरकार ने कोयले के घरेलू उत्पादन का बड़ा लक्ष्य तय किया है. उसे हासिल करने के लिए तेजी से नए कोयला खदानों की नीलामी हो रही है, ताकि घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ सके, जो अंतत: आयात पर देश की निर्भरता को कम करने में मददगार साबित होगा. मार्च में हुई थी पिछली नीलामी इससे पहले कोयला खदानों की आखिरी नीलामी मार्च महीने में हुई थी. उस नीलामी में मध्य प्रदेश स्थित महान कोल माइन के लिए जेके सीमेंट ने सबसे बड़ी बोली लगाई थी. झारखंड के दामुदा के लिए रुंगटा संस और दुनी सेंट्रल के लिए बुल माइनिंग ने सबसे बड़ी बोली लगाई थी. सरकार का लक्ष्य थर्मल पावर प्लंट की जरूरतों के लिए कोयला आयात को अगले दो वित्त वर्ष में शून्य पर लाने का है.