टमाटर की खेती, सिर्फ 4 बीघे की खेती से ही हो जाती है,1.5 लाख की कमाई
टमाटर की खेती के लिए बीज कुदरा, भभुआ से लाना पड़ता है
खेती-किसानी के क्षेत्र में बदलाव का दौर लगातार जारी है. किसान भी पारंपरिक तरीके से कम लागत में बंपर मुनाफा देने वाली फसलों की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. धान का कटोरा कहे जाने वाले कैमूर में किसान धान के अलावा नगदी फसलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. कैमूर जिला स्थित भगवानपुर प्रखंड के रामगढ़ गांव निवासी राकेश कुमार किसान टमाटर कि खेती कर रहे हैं. राकेश पिछले सात वर्षों से चार बीघे में टमाटर कि खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं.
2016 से राकेश कर रहे हैं टमाटर की खेती
किसान राकेश कुमार ने बताया कि 2016 से ही टमाटर की खेती कर रहे हैं. पारंपरिक फसलों में मुनाफा कम होने के चलते नगदी फसलों की ओर रुख करना पड़ा. बाजार में टमाटर की डिमांड हर समय रहती है. वहीं जनवरी में टमाटर के पौधे की रोपाई के लिए किसान नवंबर के अंत में ही बीज तैयार करने की तैयारी शुरू कर देते हैं.पौधों की रोपाई जनवरी के दूसरे हफ्ते से शुरू हो जाती है. कुछ किसान ऐसे भी होते हैं जो सितंबर महीने में इसकी रोपाई करने लग जाते हैं. इसके लिए जुलाई के अंत में नर्सरी तैयार कर लेते हैं. टमाटर के पौधे की बुआई अगस्त के अंत तक या सितंबर के पहले सप्ताह में कर सकते हैं. वहीं मई में इसकी रोपाई के लिए मार्च और अप्रैल माह में पौधे तैयार कर लेना चाहिए.
राकेश बताते हैं कि सब्जी की खेती का कोई समय निश्चित नहीं होता है. मौसम के अनुसार सब्जी की खेती होती है और इसका रेट भी इसी पर निर्भर करता है. राकेश ने बताया कि चार बीघे में टमाटर की खेती कर रहे हैं. हर सीजन में टमाटर की खेती कर डेढ़ लाख से दो लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं. टमाटर की खेती के लिए बीज कुदरा, भभुआ से लाना पड़ता है. यहां से टमाटर भभुआ और भगवानपुर के मंडी में जाता है. इस साल मौसम की मार ने खेती पर प्रभाव डाला है. वैसे हर वर्ष टमाटर की खेती करते हैं और इसी से परिवार की आजीविका चलती है.