मिडिल ईस्ट के दो देश इस वक्त युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शुक्रवार (12 अप्रैल) को दावा
अगले दो दिनों में ईरान इजरायल पर हमला करने वाला है
मिडिल ईस्ट के दो देश इस वक्त युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शुक्रवार (12 अप्रैल) को दावा किया कि अगले दो दिनों में ईरान इजरायल पर हमला करने वाला है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की तैयारी चल रही है. ऐसे में भारत, अमेरिका, फ्रांस समेत छह मुल्कों ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी कर दी है और दोनों देशों की यात्रा करने से बचने को कहा है. दरअसल, सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक अप्रैल को इजरायल ने हमला किया, जिसमें एक टॉप ईरानी जनरल और छह अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई. ईरान ने सीधे तौर पर इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया, मगर तेल अवीव ने न तो हमले की जिम्मेदारी ली और न ही इस पर कुछ कहा. इजरायली जहाजों ने दमिश्क में ईरानी महावाणिज्य दूतावास पर हमला किया था. माना जा रहा है कि इस हमले का बदला लेने के लिए ईरान अब अटैक की तैयारी कर रहा है.
ईरान के साथ कौन से मुस्लिम देश खड़े होंगे? इजरायल के साथ बढ़ रही तनातनी की वजह से एक सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर मिडिल ईस्ट में युद्ध छिड़ता है, तो ईरान के साथ कौन से मुस्लिम देश खड़े होंगे. भले ही ईरान की मिडिल ईस्ट के सबसे बड़े मुस्लिम देश सऊदी अरब से टेंशन रही है, लेकिन कई अरब मुल्क उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं. अगर इजरायल के साथ जंग होती है तो इराक, सीरिया, लेबनान, तुर्किए, कतर, जॉर्डन जैसे अरब मुस्लिम मुल्क ईरान के पक्ष में खड़े नजर आएंगे.
जंग में ईरान का साथ दे सकते हैं ये मुल्क मुस्लिम देशों के अलावा भी कई ऐसे देश हैं, जो ईरान के साथ इस जंग में खड़े हो सकते हैं. इन मुल्कों में सबसे बड़ा नाम रूस का है, जो ईरान का सहयोगी है. रूस उस हर मुल्क के साथ खड़ा होता है, जिसकी दुश्मनी अमेरिका के साथ रही हो. ईरान और अमेरिका की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है और यही वजह है कि रूस तेहरान को सपोर्ट करेगा. वह उत्तर कोरिया, चीन और मध्य एशिया के कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान जैसे मुल्कों को भी ईरान के पक्ष में खड़ा करवा सकता है.
भारत जंग में किसके साथ खड़ा हो सकता है? यहां सबसे बड़ा सवाल उठता है कि अगर जंग छिड़ती है तो भारत का पक्ष क्या रहेगा. भारत उन मुल्कों में शामिल रहा है, जो हमेशा से जंग के हालात में तटस्थता की नीति अपनाता है. ऐसा ही इस युद्ध में भी देखने को मिल सकता है. भारत के इजरायल और ईरान दोनों ही मुल्कों के साथ अच्छे रिश्ते हैं, जिन्हें वह जंग के हालात में बिगाड़ना नहीं चाहेगा. अगर जंग होती है तो भारत तटस्थता के रास्ते पर चलते हुए दोनों मुल्कों से शांति बरतने की अपील कर सकता है.