अलीगढ़

कृषि फार्म में दो दिवसीय जनपद स्तरीय मिलेट्स महोत्सव का हुआ शुभारम्भ

खेती किसानी में जैविक एवं परम्परागत विधि के साथ मोटे अनाज का दें प्राथमिकता

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2023 है मिलेट्स ईयर 

किसान कम लागत में मोटे अनाज का उत्पादन कर कमाएं अधिक मुनाफा 

मोटा अनाज सभी के स्वास्थ्य के लिये रामवाण

अलीगढ़ – (सू0वि0) मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती विजय सिंहमा0 एमएलसी चौ0 ऋषिपाल सिंह एवं जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर क्वार्सी कृषि फार्म परिसर में दो दिवसीय जनपद स्तरीय मिलेट्स महोत्सव का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर सम्बन्धित विभागोंकम्पनियों एवं प्रगतिशील किसानों ने स्टॉल लगाकर अपनी योजनाओं एवं उत्पादों का प्रदर्शन किया। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा उपस्थित किसानों को मोटे अनाज समेत अन्य खेती किसानी से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई गयी।

मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती विजय सिंह ने मेले को सम्बोधित करते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2023 को मिलेट्स ईयर के रूप में मनाया जा रहा है। जिस अनाज को आदिवासी खाकर अपनी इम्यूनिटी मजबूत बनाये रखते हैंवह मिलेट्स (मोटा आनाज)- ज्वारबाजरा,  सावांमंडुआकोदोरागीकुटकीकुट्टू कंगडी हैं। इन मोटे आनाजों को गेहूं या चावल की तरह ही उपयोग किया जा सकता है। इनकी रोटी भी बनती हैइन्हें उबालकर भी खा सकते है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब मोटा अनाज खूब चलन में था। प्राचीन युग में हम मोटे अनाज से ही अच्छे से भरण पोषण करते थे। यह आसानी से उपलब्ध होने के साथ ही मंहगा भी नहीं था। यह जल्दी खराब भी नहीं होता था। फिर समय के साथ मोटे अनाज की जगह गेहूं चावल ने ले ली और यह हमारे परिवार की थाली का नियमित हिस्सा बन गये। मोटा अनाज जहां शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद है वहीं इसको उगाने में बहुत अधिक सिंचाई और पानी की भी जरूरत नहीं पड़ती है।

मा0 एलएलसी चौ0 ऋषिपाल सिंह ने किसानांे से आव्हान किया कि समय रहते अपने खेती-किसानी के तरीकों को बदलें। किसानों द्वारा जो प्रतिस्पर्धात्मक रूप से रासायनिक खादों और किटनाशकों का अंधाधुध उपयोग किया जा रहा है वह जहर के समान है। आप खेती के देशी और परम्परागत तरीकों को बढ़ावा देते हुए मोटा अनाज को प्राथमिकता दें ताकि आज के समय में जो बीमारियां हो रही हैं उन पर कंट्रोल किया जा सके। उन्होंने किसानों को अन्नदाता की संज्ञा देते हुए कहा कि आप द्वारा जो कार्य किया जाता है उसकी कोई तुलना नहीं है। कोई भी व्यक्ति पीएम या सीएम कुछ भी बन जाए सब खाते तो आपके द्वारा उगाया हुआ ही हैं। उन्होंने कहा कि जनसामान्य को आरोग्यता प्रदान करने में किसान बन्धु बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। आप जैविक और परम्परागत तरीके से अधिक से अधिक मोटा अनाज पैदा करें सरकार द्वारा उसे बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि मोटे अनाज को उगाने में कम लागत आती है और छोटे जोत के किसानों के लिए बहुत उपयुक्त फसलें हैं। मोटा अनाज सभी के स्वास्थ्य के रामवाण औषधि के रूप में कार्य करता है।

जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि मैं भी किसान परिवार से ही पल-बढ़कर आया हूॅ। बच्चों और किसानों के किसी भी कार्यक्रम में प्रतिभाग किये बिना नहीं रह पाता। आज जनसामान्य के साथ ही किसानों की आवश्यकताओं में वृद्धि हुई है। ऋतुओं में भी परिवर्तन को स्पष्ट रूप से देखा और महसूस किया जा सकता है। ऐसे में किसानों को भी अपने फसल चक्र के साथ-साथ खेती किसानी के तरीकों में तकनीक का समावेश करना ही होगा। आज स्वास्थ्य सभी के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा हैक्योंकि हम पैसा तो बहुत कमा रहे हैंपरन्तु अपने शारीरिक धन को खोते जा रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण और अनियमित जीवन शैली इसका एक पहलू हैलेकिन इन सब से अलग भोजन वह कारक हैजो तमाम परेशानियों के बावजूद भी हमारे शरीर को मजबूत बनाए रखता है। आज हम भोजन से भी वह पोषक तत्व नहीं ले पा रहे हैंजिनकी शरीर को जरूरत है। इसी वजह से हमारा शरीर दिन व दिन कमजोर होता चला जा रहा है। इसकी बड़ी वजह है कि हमारे घरों से पारंपरिक अनाज गायब होता जा रहा है।

डीएम ने बताया कि भारत दुनिया में मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थानउत्तर प्रदेश गुजरातमध्य प्रदेशहरियाणामहाराष्ट्र और कर्नाटक में की जाती है। उत्तर प्रदेश में बाजरा के उत्पादन में अलीगढ़ की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मिलेट्स उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ है और इसके सेवन से लम्बे समय तक भूख नहीं लगती है। उन्होंने बताया कि कोदो का उपयोग करने से हमारे शरीर की हड्डियां मजबूत होती है। कुटकी प्रजननएनीमिया और हार्मोनल परेशानियों को दूर करने एवं सही ग्रोथ में मदद करता है। सावां के उपयोग से आंतरिक अंग जैसे लीवरकिडनी को मजबूती प्रदान होती है।

इस अवसर पर 15 किसानों को सरसों बीज की उन्नतशील प्रजाति की मिनी किट का वितरण किया गया। मेले में सरकारी विभागों समेत 04 एफपीओ द्वारा स्टॉल्स लगाई गयीं। मेले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा द्वारा मोटे आनाज विशेषकर बाजरा से स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर उनका प्रदर्शन किया गया। एक किसान जिसने इजराइल से बाजरा मंगाकर फसलोत्पादन का प्रदर्शन किया जो विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अपने विषय वस्तु से सम्बन्धित तकनीकी जानकारी किसानों को उपलब्ध कराई गयी। मेले में उप निदेशक कृृषि यशराज सिंहजिला कृषि अधिकारी अमित जायसवालजिला भूमि संरक्षण अधिकारी दिव्या मौर्य समेत अन्य विभागीय अधिकारी एवं भारी संख्या में प्रगतिशील किसानों द्वारा प्रतिभाग कर उपयोगी जानकारी एकत्रित की गयी।      

JNS News 24

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