क्वार्सी फार्म में दो दिवसीय मिलेट्स ”श्री अन्न” रेसिपी विकास एवं उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
उत्तर प्रदेश बाजरा उत्पादन में दूसरे तो वहीं अलीगढ़ प्रदेश में प्रथम स्थान पर
अलीगढ़ (सू0वि0) उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम योजनान्तर्गत दो दिवसीय मिलेट्स ”श्री अन्न” रेसिपी विकास एवं उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन क्वार्सी फार्म में किया गया। मुख्य अतिथि जिला मजिस्ट्रेट इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि देश के मा0 प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। आज समूचा विश्व हिन्दुस्तान की ओर देख रहा है। अपने पर गर्व करने का समय आ गया है। अपने को तिरस्कार और दूसरे को पुरस्कार की पृथा को छोड़कर मोटे अनाज को अपनाएं। हमारी दादी-नानी जो हमको खिलातीं थीं, वह हमें अपने बच्चोें को खिलाना होगा। सरकार की मंशा है कि किसानों की आय बढ़े। मोटे अनाज कम लागत में ज्यादा उत्पादन देते हैं। विभिन्न प्रकार की स्वादिष्ट रेसिपी तैयार कर हम उन्हें बाजार में बेचकर अधिक मुनाफा भी कमा सकते हैं। यदि शरीर को स्वस्थ रखना है तो मोटे अनाज को अपनाना ही होगा।मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना ने बताया कि उत्तर प्रदेश बाजरा उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, वहीं अलीगढ़ में सर्वाधिक बाजरा उत्पादन होता है। हमें इसका लाभ उठाना चाहिए, सरकार द्वारा भी बाजरा की खरीद की जा रही है। मोटे अनाज अधिक फाइबर्स एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता के धनी होने के कारण शरीर के लिए लाभदायक होते हैं।
डीपीओ श्रेयस कुमार ने कहा कि ”श्री अन्न” कार्यक्रम भारत सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। उनका आव्हान है कि अपने भोजन में मोटे अनाज को सम्मिलित करें। जब व्यक्ति स्वस्थ्य होंगे तो देश स्वस्थ्य रहेगा। फल संरक्षण अधिकारी बलवीर सिंह ने बताया कि यदि आप सही खाना खायेंगे तो आपको दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्वस्थ्य रहने के लिए मोटे अनाज को अपने भोजन में शामिल करना ही होगा। जब शरीर को आवश्यकतानुसार पोषक तत्व मिलेंगे तो हम कभी बीमार नहीं पड़ेंगे। गेहूँ चावल को दूसरे पायदान पर रखते हुए श्री अन्न को प्राथमिकता देनी होगी। डॉ नेत्रपाल मलिक वैज्ञानिक केवीके ने शरीर के लिए उपयुक्त विभिन्न प्रकार के विटामिन्स, कार्बाेहाइड्रेट, फैट्स एवं उनके स्रोत एवं पाचन के बारे में विस्तार से बताया। कैप्टन आर पी पचौरी एफपीओ संचालक ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन लाना है तो मोटा अनाज थाली में लाना होगा। मोटे अनाज फाइबर युक्त और सुपाच्य होते हैं।
मिलेट्स से बनाएं लोकप्रिय मूल्य वर्धित उत्पाद:
मल्टी मिलेट्स ग्रैंन आटा सामान्यता ज्वार, बाजरा, रागी और कंगनी के आटे को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह प्रोटीन, फाइबर्स, विटामिन और खनिज का समृद्ध स्रोत होता है, जो मजबूत हड्डियों एवं मांसपेशियों के विकास के लिए अनिवार्य होते हैं। यह आटा मधुमेह और हृदय रोग से बचाता है। वजन कम करने में सहायता करता है। रोग प्रतिरोधी होने का कारण स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। कचौड़ी, चोराफली, चमचम, अनियन रिंग, लड्डू, डेट बर्फी, चॉकलेट बाल, ब्लूबेरी मफिन, स्ट्रॉबेरी मफिन, फ्राइड मिल्क, छेना पोडा, लोटो चोको, मिर्ची भाजी, उर्द दाल लड्डू, इडली बना सकते हैं।
रामदाना (चौलाई) पौष्टिक फलाहार है, जो उपवास में प्रयोग होता है। यह प्रोटीन आयरन और कैल्सियम का प्रचुर स्रोत है। हृदय, हड्डी, पाचन, त्वचा एवं बाल संबंधी रोग के लिए गुणकारी है। डायबिटीज रोकने में काफी मददगार है प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और वजन कम करने में सहायक है। राम दाने का सेवन एनीमिया में लाभदायक होता है। रामदाना से पराठा, पूरी, चीला, खीर, लड्डू, ा हलवा, ढोकला, बिस्किट, सलाद, चॉकलेट, शेक, पुडिंग, कढ़ी, उपमा जैसे मूल्यवर्धित उत्पाद बना सकते हैं।सावा प्रोटीन और फाइबर का प्रचुर स्रोत है। इसमें कार्बाेहाइड्रेट की मात्रा काफी कम होती है। इसमें धीमी पाचकता होती है। यह कम क्रियाशील वाली जीवन शैली के मनुष्यों के लिए प्रकृति का वरदान है। यह हृदय विकार एवं मधुमेह के रोगियों को लाभ दिलाता है। सावा रक्त शर्करा और लिपिड स्तर को कम करने में बहुत प्रभावी है। आजकल बढ़ते हुए डायबिटीज को देखते हुए सावा का एक आदर्श आहार बन सकता है। सावा से खीर, कलाकंद, कालाजाम, वनीला आइसक्रीम, केक, समोसा, पुदीना राइस, पुलाव, कटलेट, रबड़ी, कस्टर्ड आइसक्रीम, पायसम, गोभी, लड्डू एवं शेक बनाते हैं।बाजरा शुष्क एवं उष्ण क्षेत्र में न्यूनतम उपजाऊ मिट्टी में भी पैदा होने वाला महत्वपूर्ण खाद्य चारा एवं ईंधन की फसल है। इस अनाज में जैव रसायन पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं। बाजरा से निर्मित उत्पाद ऊर्जा से भरपूर होते हैं। इसमें कैल्शियम व अनसैचुरेटेड फैट्स भी प्रचुर मात्रा में होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। बाजरा से रोटी, खिचड़ी, पकौड़ी, कुकीज, रस्क, पफ, जलेबी, लड्डू, हलवा, चीला, स्लाइस, चॉकलेट बनाए जा सकते हैं।कार्यक्रम में कोमलिका किसान उत्पादक कम्पनी, उन्नति एग्रो प्रोसेसिंग सेंटर, आंगनबाड़ी शहर, आद्या फूड्स, सूरज नमकीन, फ़ूड क्राफ्ट इंस्टिट््यूट, ब्रजकिसान प्रोड््यूूसर कम्पनी, शक्ति फार्मर प्रोड््यूूसर कम्पनी, लेमन ट्री, फॉर्च्यून, रमाडा, गुप्ता कैटर्स द्वारा स्टॉल्स लगाए गए। इसके साथ ही लेमन ट्री, फॉर्च्यून और रमाडा होटल द्वारा भी रेसिपी तैयारियों के सबंध में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गयी। निणार्यक कमेटी द्वारा प्रथम पुरस्कार फॉर्च्यून, द्वितीय पुरस्कार लेमन ट्री एवं तृतीय पुरस्कार रमाडा होटल को प्रदान किया गया।इस अवसर पर एडीएम प्रशासन पंकज कुमार, संयुक्त निदेशक कृषि राकेश बाबू, उपनिदेशक कृषि यशराज सिंह, जिला कृषि अधिकारी एवं पीपीओ अमित जायसवाल, सहायक आयुक्त खाद्य सर्वेश मिश्रा, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी दिव्या मौर्या, मानव महाजन उपस्थित रहे।