उमंग सिंघार ने कहां मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने 1 करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों के खातों में राशि डाली
एक महीने में ही सीधे-सीधे दो लाख लाड़ली बहनें घट गई हैं.
मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सरकार के कार्यकाल की महत्वकांक्षी योजना ‘लाड़ली बहना योजना’ को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बीते दिन राजधानी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने प्रदेश की 1 करोड़ 29 लाख लड़ली बहनों के खाते में सिंगल क्लिक के माध्यम से रुपये डाले हैं. इधर अब इस योजना को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ट्वीट कर सवाल उठाए हैं.नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लाड़ली बहना योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि महीने भर में ही दो लाख लाड़ली बहना घट गई हैं. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, ‘इस योजना के तहत एक करोड़ 31 लाख से अधिक बहनें लाभांवित हो रही थीं, लेकिन आज प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने एक करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों के खातों में राशि डाली है. महज एक महीने में ही सीधे-सीधे दो लाख लाड़ली बहनें घट गई हैं.’
‘सरकार बताएं कहां गायब हुईं लाड़ली बहनें’
कांग्रेस नेता ने बीजेपी की प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि ‘पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने इस योजना को लागू करते हुए आधिकारिक तौर पर वास्तविक हितग्राही बहनों की संख्या 1 करोड़ 31 लाख बताई थी. मोहन सरकार के शपथ लेने के बाद पहली बार सरकार ने आज सार्वजनिक किया है कि एक करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में आज 1,576 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं. यानी सरकार ने दो लाख बहनों की संख्या एक माह में ही कम होना स्वीकार किया है.’कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यदि 1,576 करोड़ रुपयों की राशि में 1,250 से भाग दिया जाए तो कुल वास्तावित लाड़ली बहनों की संख्या 1 करोड़ 26 लाख 8 हजार होती है, जो सीधे तौर पर 4 लाख 92 हजार बहनों के अंतर को दर्शाता है. इन स्थितियों में मुख्यमंत्री बताएं कि उनकी सरकार बनते ही मात्र एक माह में लाखों बहनें कहां गायब हो गईं?’
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के कथन अनुसार इस योजना को लेकर कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है. लिहाजा कांग्रेस यह स्पष्ट कर रही है कि न तो हमारे पेट में अपचन है और न ही दर्द है. मुख्यमंत्री तो सिर्फ यह स्पष्ट कर दें कि 4 लाख 92 हजार बहनें कहां हैं, उनसे उनकी सहायता राशि का हक किन कारणों से छीना गया और उसका दोषी कौन है?