साइबर सुरक्षित भारत” के तहत कार्यालयों, विद्यालयों एवं जन सेवा केन्द्रों पर पर आयोजित किए जाएंगे साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम
सीडीओ ने सभी बीडीओ एवं जिलास्तरीय अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
अलीगढ़ मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह ने अवगत कराया है कि जिले के कार्यालयों, विद्यालयों व जन सेवा केन्द्रों पर साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य के अन्तर्गत डिजिटल युग में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं के दृष्टिगत यह नितान्त आवश्यक है कि नागरिकों, छात्र-छात्राओं व सरकारी अधिकारियों को साइबर हमलों व खतरों से खुद को सुरक्षित रखने के उपायों के बारे में पर्याप्त जानकारी हो। उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद््देश्य सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के साथ-साथ आम नागरिकों को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है।
उन्होंने बताया कि उक्त के क्रम में भारत सरकार द्वारा इस वर्ष के अभियान का विषय ”साइबर सुरक्षित भारत”#SatarkNagrik) रखा गया है, जिसके माध्यम से साइबर सुरक्षा के लिए सम्पूर्ण देश को सम्मिलित करते हुए एक दृृष्टिकोण अपनाया गया है। शासन द्वारा अक्टूबर माह में सार्वजनिक, निजी क्षेत्र एवं आम नागरिकों को जागरूक व सतर्क करते हुए देश को साइबर सुरक्षित बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों, छात्र-छात्राओं व सरकारी अधिकारियों को साइबर हमलों व खतरों से खुद को सुरक्षित रखने के उपाय व सावधानियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय लेन-देन करने वाले विभागों द्वारा आम नागरिकों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना है, जिसमें प्रमुख रूप से वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े नवीनतम साइबर अपराधों के रुझ्ाानों के बारे में जानकारी देना सम्मिलित है जैसे- यूपीआई घोटाले, नेट बैंकिंग धोखाधड़ी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, निवेश या लॉटरी घोटाले, नौकरी घोटाले, ई-कॉमर्स धोखाधड़ी, सोशल मीडिया घोटाले, डिजिटल गिरफ्तारी वसूली घोटाले, फिशिंग घोटाले, साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग गतिविधियों को सार्वजनिक अभियानों, कार्यशालाओं व जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से संचालित किया जाना है, जिससे जिले के प्रत्येक नागरिक को उचित जानकारी प्राप्त हो सके।
सीडीओ ने छात्र-छात्राओं के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता की जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जैसे- पहचान की चोरी, फ़िशिंग घोटाला, सोशल मीडिया घोटाला, गेमिंग ऐप घोटाला, ऑनलाइन डेटिंग ऐप घोटाला, ई-कॉमर्स घोटाला नौकरी घोटाला, डिजिटल गिरफ्तारी या जबरन वसूली घोटाला रैनसमवेयर हमला के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूलों व कॉलेजों में नियमित रूप से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि छात्रों को डिजिटल सुरक्षा के महत्व व सुरक्षित ऑनलाइन उपायों के बारे में शिक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के अधिकारियों को साइबर सशक्त बनाने के लिए आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग साइबर सुरक्षा धोखाधड़ी रोकथाम व सुरक्षा के मुख्य उपायों की जानकारी उपलब्ध कराए जिससें वे साइबर सुरक्षा संदेशों को नियमित सार्वजनिक बातचीत व बैठकों में सम्मिलित कर अधिक से अधिक साइबर सुरक्षा को प्राप्त कर सकें। उन्हांेने निर्देशित किया कि जन सेवा केन्द्रों पर साइबर जागरुकता को बढ़ाये जाने के लिए एक बैनर तैयार कर नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों के सभी जन सेवा केन्द्रों पर लगाया जाए।
सीडीओ ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उक्त के क्रम में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए जागरूकता कार्यक्रम आरम्भ करें और गतिविधियों की प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से सेन्टर फॉर ई-गर्वेनूस, यू0पी0 की ई-मेल आई0डी0- ceglko.up@gmail.comपर शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें