स्वतंत्रता आंदोलन में अलीगढ़ की वीर नारियों का अभूतपूर्व योगदान
अलीगढ़ : स्वतंत्रता संग्राम में अलीगढ़ की वीरांगनाओं का अभूतपूर्व योगदान हैयह उद्गार जिला विद्यालय निरीक्षक डा0 सर्वदानंद ने काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह के तहत रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिन शौर्य दिवस पर आयोजित ”स्वाधीनता महासमर में अलीगढ़ की वीरांगनाएं” पुस्तक का विमोचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वर्ष 1942 के स्वतंत्रता आन्दोलन के यज्ञ में इन्होंने समिधा डाली। इनकी गौरव गाथा नई पीढ़ी को जरूर सुनानी चाहिए। कई को कैद कर अंग्रेजों ने भीषण यातनाएं दीं लेकिन आजादी मतवालियों ने उफ तक नहीं कीउप जिला विद्यालय निरीक्षक श्रीमती मनोरमा ठाकुर ने कहा कि इन वीरांगनाओं में श्रीमती कस्तूरी देवी, दुर्गा देवी, श्रीमती हेमलता, रामप्यारी, उर्मिला देवी, लक्ष्मी देवी, नंद कौर, गंगा देवी, सूरजबाई, चम्पा देवी की गौरव गाथाओं को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। आजादी का अमृत महोत्सव के जिला समन्वयक सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि 1856 में फांसी की सजा पाने वाली वीरांगना सरूपा उर्फ पगलो देवी की कब्र बदहाल पड़ी है। शासन को उसे सही कराकर उस पर सूचना संबंधी शिलापट लगवाना चाहिए ताकि नई पीढ़ी उनसे परिचित हो सकेइससे पूर्व रानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर सभी लोगों ने माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संगठन के मंडल प्रभारी सुरेश चन्द्र शर्मा, शिक्षक नेता नीरज शर्मा समेत अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।