यूरिया, डीएपी एवं अन्य फास्फेटिक, पोटेशिक उर्वरकों के साथ न की जाए टैगिंग
कृषकों को यूरिया एवं अन्य उर्वरक निर्धारित मूल्य पर खतौनी एवं आधार कार्ड देखकर करें विक्रय
अलीगढ़ जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में कृषक हित को दृष्टिगत रखते हुये रबी 2023-24 में यूरिया, डीएपी एवं अन्य फास्फेटिक, पोटेशिक उर्वरकों के साथ जिंक सागरिका एवं अन्य सूक्ष्म उर्वरक कृषकों जबरजस्ती न दिये जायें, यदि किसी भी क्षेत्र से उर्वरक विक्रेता के द्वारा कृषकों को जबरजस्ती टैगिंग की शिकायत प्राप्त होती है, तो नियमानुसार कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। यदि कोई कम्पनी या थोक उर्वरक विक्रेता फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को टैगिंग करती है, तो शिकायत मिलने पर सम्बन्धित क्षेत्रीय उर्वरक प्रतिनिधि एवं थोक व फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्व उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 में दिये गये प्राविधानुसार कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
जिला कृषि अधिकारी अमित जायसवाल ने उक्त जानकरी देते हुए जिले के सभी फुटकर उर्वरक विक्रेताओं, निजी क्षेत्र व सहकारिता को निर्देशित किया है कि यूरिया, डी.ए.पी. उर्वरक के साथ अन्य किसी भी प्रकार का लगेज किसान की बिना मर्जी के फर्जी तरीके से न दिया जाये। कृषकों को यूरिया एवं अन्य उर्वरक निर्धारित मूल्य पर एवं खतौनी एवं आधार कार्ड देखकर ही विक्रय करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उर्वरक आपूर्ति वितरण में अनियमितता पाए जाने पर कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने कहा कि समस्त फुटकर एवं थोक उर्वरक विक्रेता कृषकों को पीएम प्रणाम योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में विस्तृत रूप से जानकारी कराएं कि यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया एवं डीएपी के स्थान पर एनपीके का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि कृषकों को ज्यादा से ज्यादा संतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों को प्रयोग करने के लिए जागरूक करें जिससे मृदा स्वास्थ पर प्रतिकूल असर कम से कम पड़े। कृषकों को मृदा स्वास्थ बढ़ाने के लिए जैव उर्वरकों व प्राकृतिक खेती का प्रयोग करने के लिए भी जागरूक किया जाये।