रबी फसलों की बुवाई में डीएपी के स्थान पर एनपीके खाद का प्रयोग करें
उत्पादन पर नहीं पड़ेगा विपरीत असर - जिला कृषि अधिकारी
अलीगढ़ –रबी की फसलों की बुवाई करते समय अधिकतर किसान डीएपी का प्रयोग करना बेहतर समझते हैं, लेकिन एनपीके खाद भी किसी भी तरह से डीएपी से कम नहीं है। किसान भाई एनपीके उर्वरक का प्रयोग कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। इसके प्रयोग से फसलोत्पादन पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा। कृषि आधारित यह जानकारी जिला कृषि अधिकारी अमित जायसवाल ने देते हुए बताया कि मिट्टी में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले पोषक तत्वों के साथ ही एनपीके उर्वरक में नाइट्रोजन व फास्फोरस के साथ ही पोटेशियम भी होता है। एनपीके पैदावार बढ़ाने के साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि करता है। उन्होंने बताया कि डीएपी में पोटाश नहीं होती है। उन्होंने किसान भाइयों को सलाह देते हुए समझाया कि विषय विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की सलाह पर आप अपनी फसल की लागत को कम कर सकते हैं उपज को बढ़ा सकते हैं।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक मौजूद है। किसान भाई खाद के लिए परेशान ना हों और आवश्यकता के अनुरूप ही उर्वरक क्रय करें। वैज्ञानिक सलाह को समझते व मानते हुए अच्छी पैदावार एवं मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए डीएपी के स्थान पर एनपीके का प्रयोग करें। एनपीके उर्वरक पौधों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नाइट्रोजन पत्तों को सहारा देता है। फास्फोरस जड़ और फूलों के विकास के लिए और पोटेशियम समूचे पौधे के स्वास्थ्य की देखभाल एवं सुरक्षा करता है।
उन्होंने किसान भाइयों से कहा कि वह डीएपी की तरफ से अपना ध्यान हटाकर एनपीके जा प्रयोग करें, अच्छी पैदावार प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को उचित दाम पर खाद उपलब्ध कराने के लिए सरकार सब्सिडी देती है, इस वजह से सरकारी खजाने पर बोझ भी बढ़ रहा है । सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि किसान भाई डीएपी के स्थान पर एनपीके का प्रयोग करें। खास बात यह है कि डीएपी से एनपीके काफी सस्ता है।