शनिदेव को प्रसन्न करने के क्या है ज्योतिष उपाय
शनिदेव की कृपा नहीं हो रही तो जाने कारण और उसके उपाय
शनि, ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह है जिसे शनि देव भी कहा जाता है. इस ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा पड़ता है, लेकिन शनिदेव को प्रसन्न करने के कुछ ज्योतिष उपायों से हम इसके दुष्ट प्रभावों को कम कर सकते हैं और उनके लाभों को प्राप्त कर सकते हैं. शनिदेव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है और इसकी विशेषता में अद्भुतता छिपी है. शनिदेव को कर्मकारक ग्रह माना जाता है, जिससे व्यक्ति को अपने कर्मों का फल मिलता है. अगर आपकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है तो आपको क्या उपाय करने चाहिए और इससे आपको क्या लाभ होगा आइए जानते हैं.
शनिदेव के प्रभाव
शनिदेव को ‘कर्मकारक’ ग्रह माना जाता है और इसका प्रभाव व्यक्ति के कर्मों पर होता है. शनि की दशा और साढ़ेसाती के समय में व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति में आत्म-निरीक्षण और सुधार की भावना उत्पन्न हो सकती है.
शनिदेव के प्रसन्न करने के ज्योतिष उपाय
शनि की दशा में रत्न:
शनि की दशा में नीलम रत्न धारण करना लाभकारी हो सकता है। यह व्यक्ति को आत्म-सुधार, स्थिरता और सफलता में मदद कर सकता है.
शनि शांति पूजा:
शनि की शांति के लिए शनिवार को उपास्य वस्त्र, तिल, उड़द की दाल, और शनि के बीज मंत्रों का जाप करना उपयुक्त होता है.
शनि दोष निवारण पूजा:
यदि कुंडली में शनि दोष हो, तो किसी पंडित से सलाह लेकर शनि दोष निवारण के लिए विशेष पूजा करवाएं.
शनि व्रत:
शनिवार को शनि व्रत रखना उपयुक्त है। इसमें शनि देव की पूजा, नियमित दान, और शनि की कथा का पाठ शामिल होता है.
शनि मन्त्र:
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मन्त्र का जाप करना शनि के दुष्ट प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकता है.
शनिदेव के उपायों के लाभ
शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय व्यक्ति को नई ऊर्जा, स्थिरता, और सफलता प्रदान कर सकते हैं। ये उपाय व्यक्ति को आत्म-निरीक्षण और सुधार की प्रेरणा प्रदान कर सकते हैं, जिससे वह जीवन की हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो सकता है.