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शेयर बाजार में निवेश को लेकर लोगों के बीच बढ़ते रुझान के साथ नए-नए तरह के फ्रॉड व स्कैम भी होने लग गए हैं

इन्वेस्टर का लोभ बढ़ता है और वह दांव बढ़ाता जाता है. फिर रकम बढ़ते ही स्कैमर पूरा पैसा गायब कर देता है.

शेयर बाजार में निवेश को लेकर लोगों के बीच बढ़ते रुझान के साथ नए-नए तरह के फ्रॉड व स्कैम भी होने लग गए हैं. आज कल ऐसे खूब सारे मामले सामने आते हैं, जिनमें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों को शानदार रिटर्न का झांसा दिया जाता है और बाद में उनके साथ लाखों रुपये की ठगी हो जाती है.इस तरह के फ्रॉड को पिग बुचरिंग स्कैम के नाम से जाना जाता है, जिससे जुड़े मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अगर आप भी शेयर मार्केट में पैसे लगाते हैं या लगाना चाहते हैं तो आपको इस स्कैम के बारे में अच्छे से जरूर जानना चाहिए, ताकि कोई ठग या अपराधी आपको भी अपने झांसे का शिकार न बना ले और आपके बैंक अकाउंट से आपकी पूरी कमाई गायब कर दे.सबसे पहले जानते हैं कि ये पिग बुचरिंग स्कैम क्या है? जैसा कि नाम से ही साफ हो रहा है, यह पिग यानी सुअर को काटने का अर्थ रखता है. सुअरों को मांस के लिए काटे जाने से पहले उसे खिला-पिलाकर मोटा-ताजा किया जाता है. इस स्कैम में स्कैमर भी कुछ ऐसा ही करते हैं. स्कैमर बुचर का काम करते हैं और सुअर की जगह भोले-भाले निवेशकों का शिकार किया जाता है. स्कैमर पहले इन्वेस्टर को कमाई के झांसे देता है. इन्वेस्टर को शुरुआत में कुछ आकर्षक रिटर्न दिए जाते हैं. उससे इन्वेस्टर का लोभ बढ़ता है और वह दांव बढ़ाता जाता है. फिर रकम बढ़ते ही स्कैमर पूरा पैसा गायब कर देता है.डार्क वेब पर बिक रहे नंबर पिग बुचरिंग स्कैम में काम कर रहे लोग कोई आम लोग नहीं हैं, बल्कि तकनीक और बाजार की गहरी समझ रखने वाले लोग इसमें जुड़े हुए हैं. आपने भी हो सकता है कई बार ऐसा नोटिस किया होगा कि किसी अनजान नंबर से आपको किसी नए व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया गया होगा, जो कथित तौर पर शेयर बाजार की ट्रेडिंग से जुड़ा होगा. दरअसल डार्क वेब पर भारी मात्रा में डेटाबेस बिक रहा है, जिसमें करोड़ों लोगों के नंबर उपलब्ध हैं.

इस तरह से देते हैं झांसा

ये स्कैमर डार्क वेब से डेटा खरीदते हैं और उसमें मिले नंबरों को व्हाट्सऐप या टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर ऐड करते हैं. ग्रुप में आम तौर पर एक कथित स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट या स्टॉक गुरू भी होता है, जिसके बारे में दावे किए जाते हैं कि वह फलां-फलां बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में काम कर चुका है. उस कथित गुरू के नाम पर ग्रुप के मेंबर्स को टिप्स दिए जाते हैं. वे टिप्स ऐसे होते हैं कि अच्छे-खासे जानकार लोग भी धोखा खा जाएं.ग्रुप में कथित स्टॉक एक्सपर्ट की ओर से ट्रेडिंग सीखने के लिए स्टडी मटीरियल आदि भी दिए जाते हैं. कई बार कुछ सब्सक्रिप्शन चार्ज भी मांगा जाता है, जिससे ग्रुप के मेंबर्स को लगता है कि वाकई में सारी चीजें जेन्युइन हैं. स्कैमर्स की ओर से ग्रुप में ऐसे लोग जोड़े गए होते हैं, जो टिप्स के बाद उससे फायदा होने का दावा करते हैं और मोटा-मोटा मुनाफा कमाने के स्क्रीनशॉट ग्रुप में शेयर किए जाते हैं.

स्कैम का मोडस ओपेरांडी

इस तरह के स्कैमर फिशिंग वेबसाइट और ऐप का सहारा लेते हैं, जो बड़ी ब्रोकरेज फर्मों से मिलते-जुलते होते हैं. हाल ही में जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामथ ने भी इस स्कैम से लोगों को सावधान करते हुए बताया था कि ऐसी कई वेबसाइटें लगातार बन रही हैं और उनके जरिए निवेशकों को चूना लगाया जा रहा है. ये ऐप और वेबसाइट सिर्फ रियल लगते नहीं, बल्कि बिलकुल रियल लगने वाला ट्रेड भी कराते हैं. शुरुआत में उसमें मुनाफा दिखाया जाता है, जबकि वास्तव में यूजर को कोई मुनाफा नहीं हो रहा होता है, बल्कि उनके पूरे पैसे साफ हो गए होते हैं.

इस तरह से कर सकते हैं बचाव

इस स्कैम से बचने के लिए सावधानी जरूरी है. कभी भी अप्रत्याशित रिटर्न के झांसे में नहीं आएं. व्हाट्सऐप या टेलीग्राम के ग्रुप में मिलने वाले टिप्स से दूर रहें. किसी भी सोशल मीडिया, मैसेज या ईमेल के जरिए आने वाले संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करें. सिर्फ प्रमाणित ब्रोकरेज फर्मों के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें. ऐप वेरिफाइड सोर्स से ही इंस्टॉल करें.

JNS News 24

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