पत्तागोभी खाने से दिमाग में घुस जाते हैं कीड़े डॉक्टर ने बताया पूरा सच
मेडिकल भाषा में न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस कहा जाता है.
पत्तागोभी खाने से कीड़े दिमाग में चले जाते हैं, पत्तागोभी का कीड़ा दिमाग को गला देता है, आज के समय में ऐसी कई बातें सुनने मिल जाती हैं. इसकी सच्चाई क्या है
इस बारे में डॉक्टर्स का क्या कहना है, इस बारे में जानेंगे, सर्दियों का मौसम आते ही हरी-पत्तेदार सब्जियां आने लगती हैं. इस मौसम में पत्तागोभी जिसे बंदगोभी नाम से भी जाना जाता है, इसकी पैदावार भी खूब होती है. पिछले कुछ सालों से कुछ बातें सामने आ रही हैं कि पत्तागोभी खाने से उसमें पाया जाने वाला कीड़ा दिमाग तक पहुंच जाता है और यहां तक कि पत्तागोभी को उबालने के बाद भी इसमें मौजूद कीड़े खत्म नहीं होते. दिमाग में कीड़े के कारण जो स्थिति पैदा होती है उसे मेडिकल भाषा में न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस कहा जाता है. दरअसल, कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि पत्तागोभी को अगर सही तरह से पकाकर नहीं खाया जाए तो इसमें मौजूद टेपवर्म (कीड़ा) शरीर में पहुंच सकता है जो जो कि जानलेवा साबित हो सकता है. कहा जाता है कि यह कीड़ा खाने के साथ पेट में जाता है और फिर आंतों से होता हुआ ब्लड फ्लो की मदद से दिमाग तक पहुंच जाता है अब ऐसे में कई लोग पत्तागोभी खाने से परहेज करते हैं. इस बात में कितनी सच्चाई है, इस बारे में जानने के लिए हमने डॉक्टर्स से जाना कि क्या सच में पत्तागोभी में कीड़ा होता है और क्या यह जानलेवा होता है? इस पर डॉक्टर्स का क्या कहना है, इस बारे में जानते हैं. टेपवर्म एक चपटा, परजीवी कीड़ा है. यह आमतौर पर कई अलग-अलग जानवरों को संक्रमित करता है और उनकी आंतों में पाया जाता है. टेपवर्म जानवरों और मनुष्यों को संक्रमित करते हैं. वह आंतों में रहते हैं और आपके द्वारा खाए जाने वाले पोषक तत्वों को खाते हैं जिससे उनकी कमी के कारण मतली, कमजोरी, दस्त और थकान जैसे लक्षण दिखने लगते हैं पत्तागोभी के कीड़ों को सिस्टीसर्कस कहा जाता है और इससे जो दिमाग में बीमारी होती है उसे सिस्टीसर्कोसिस कहते हैं. यह मुख्यत: पत्तागोभी खाने से नहीं बल्कि सूअर का मांस खाने से होते हैं. इंडियन लोगों में जो एक डर बना हुआ है कि पत्तागोभी खाने से कीड़े दिमाग में जाते वह पत्तागोभी नहीं बल्कि गाजर या गोभी जैसी सब्जियों के ऊपर पहले से कीड़े पाए जाने के कारण अगर उन्हें अच्छे से साफ नहीं किया जाता तो वो शरीर में प्रवेश और ब्लड फ्लो से दिमाग में पहुंच जाते हैं.