दशहरे पर शुभ मुहूर्त में होगी पूजा, जानें रावण दहन मुहूर्त का समय
विजयादशमी, या दशहरा, 24 अक्टूबर यानि आज मनाया जा रहा है। भगवान राम ने दशहरे के दिन रावण को हराया था। इसी दिन देवी मां की मूर्ति भी विसर्जन की जाती है। इस दिन विजय पर्व मनाया जाता है और हथियारों की पूजा की जाती है। आइए विजयादशमी पर्व का महत्व और पूजन कैसे किया जाता है बताते हैं।
कैसे मनाएं दशहरा?
इस दिन पहले भगवान राम की पूजा करें, फिर देवी की पूजा करें। पूजा के बाद प्रभु राम और देवी का मंत्र जाप करें। अगर कलश बनाया गया है, तो नारियल निकाल दें। प्रसाद के रूप में इसे स्वीकार करें। पूरे घर में कलश का जल छिड़कें, ताकि घर में नकारात्मकता दूर हो जाए। जिस स्थान पर आपने नवरात्र में पूजा की है, वहाँ पूरी रात दीपक जलाएं। अगर आप एक हथियार की पूजा करना चाहते हैं, तो उस पर तिलक लगाकर एक रक्षा सूत्र बांधें।
तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल दशमी तिथि 23 अक्टूबर शाम 5 बजकर 44 मिनट से 24 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. 24 अक्टूबर को उदया तिथि के चलते विजयदशमी मनाई जाएगी। सुबह 11 बजे 42 मिनट से दोपहर 12 बजे 27 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। फिर दोपहर 1 बजे 58 मिनट से 2 बजे 43 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। ये दोनों ही समय पूजा करने के लिए उत्तम हैं।
विजयादशमी की पूजन विधि
दशहरे पर भगवान राम और महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। इससे जीवन में सफलता मिलेगी और सभी बाधाओं का नाश होगा। इस दिन हथियारों की पूजा भी करनी चाहिए। दशहरे पर देवी की पूजा करके कोई भी नया काम शुरू कर सकते हैं। यह पूजा नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी अद्भुत है।
रावण दहन मुहूर्त
इस साल रावण दहन के लिए 24 अक्टूबर को शाम 05.43 मिनट के बाद करना ठीक होगा। दशहरा पर रावण दहन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 07.19 मिनट से रात 08.54 मिनट तक है।