शिक्षा की अनोखी अलख कानपुर के जिला कारागार में पिछले कुछ समय से चलाई जा रही है
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में सेकेंड डिवीजन हासिल कर जेल प्रशासन और अपने हौसलों को परचम लहरा दिया.
शिक्षा की अनोखी अलख कानपुर के जिला कारागार में पिछले कुछ समय से चलाई जा रही है. जिसमे पढ़ने और पढ़ाने वाले लोग कैदी है. न कोई शिक्षक न कोई छात्र, यहां कैदी ही शिक्षक है और कैदी ही छात्र, इस अनोखी अलख पर कानपुर जेल बंद कैदियों ने जेल प्रशासन की मदद और उनके सहयोग के साथ-साथ अपनी मेहनत से यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में सेकेंड डिवीजन हासिल कर जेल प्रशासन और अपने हौसलों को परचम लहरा दिया. कानपुर जेल में बंद 4 कैदी यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए थे और परीक्षा देकर अच्छे नंबरों से पास हो गए. पैसों, संसाधन के अभाव में जो अपनी जीत और हार का ठीकरा मढ़ते है. वहीं इस खबर ने संदेश दे दिया है कि पढ़ाई की न तो कोई उम्र होती है और न ही पढ़ाई की राह में कोई रोड़ा, मजबूत इरादे हौसलों को उड़ान देते हैं. वहीं जेल के अधीक्षक बीडी पांडे ने बताया कि वो जेल में बंद कैदियों को शिक्षित करना चाहते हैं और ये भी चाहते हैं कि जेल में बंद कैदी बाहर निकलकर एक नही जिंदगी जी सकें. यूपी बोर्ड में पास होने वाले चार कैदियों ने उनकी मेहनत और प्रयासों का परिणाम दे दिया है.
बोर्ड की परीक्षा में चार कैदी हुए पास
कानपुर जेल में बंद कैदी सरबजीत सिंह ने इंटरमीडिएट की परीक्षा जेल से ही दी और कमल, आकाश और लालू ने हाई स्कूल की परीक्षा को दिया था. जिसमे परिणाम आने पर इन्होंने सेकेंड डिवीजन में अपनी परीक्षा को पास कर लिया.20 अप्रैल को यूपी बोर्ड ने परीक्षा का परिणाम घोषित किया था. जहां सबकी नजर कई बड़े और नामचीन स्कूलों पर थी. जहां के बच्चे हर बार अच्छे नंबर और जिले से लेकर प्रदेश में अपना नाम दर्ज कराते है. वहीं दूसरी ओर ओनर जेल में बंद कैदियों की मेहनत और जेल प्रशासन के सहयोग से इस कैदियों ने परीक्षा में पास होकर शिक्षा एक मिसाल और हौसले को बुलंद किया है.