अलीगढ़

खाद्य सुरक्षा अधिकारीयों द्वारा व्यापारियों का शोषण बर्दाश्त नही जव तक नये मानक तय न हो सेम्पलिंग का करेंगे वहिष्कार – प्रदीप गंगा

जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर मुख्यमंत्री उ प्र सरकार के नाम सम्बोधित ज्ञापन

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अन्तर्गत की जा रही कार्यवाही से व्यापारियों को आ रही कठिनाईयों के निराकरण के लिये आज कलैक्ट्रेट जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर मुख्यमंत्री उ प्र सरकार के नाम सम्बोधित ज्ञापन प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष व‌‌‌ जिलाध्यक्ष प्रदीप गंगा की अगुवाई में उपस्थित उप जिलाधिकारी को दिया गया ।
जिसमे मा. मुख्यमंत्री से निम्नलिखित 14 सूत्रीय मागें की गई।
1. खेती में कीटनाशक व रासायनिक खाद डालने का मानक तय नहीं है। अंधाधुंध कीटनाशक व रासायनिक खादों का प्रयोग खेती में किया जा रहा है। सिंचाई के लिए प्रयोग किये जाने वाला जल पूरी तरीके से दूषित हो चुका है, जिससे हमारे यहॉ के खेती से प्राप्त होने वाले खाद्ययान में रासायन व कीटनाशक भारी मात्रा में पाए जा रहे हैं, जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है। परन्तु खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के मानकों मंे बदलाव नहीं किया गया है। अतः आपसे अनुरोध है कि वर्तमान परिस्थिति के अनुसार खाद्यय पदार्थों के मानक तय किये जायें तथा कृषि विभाग को खेती में प्रयोग होने वाले कीटनाशक व रासायनिक खाद के मानक तय करने के लिए लिखा जाए। जब तक नए सिरे से मानक तय नहीं किये जाते हैं। व्यापारियों के सैम्पिल न भरे जाएं।
2. सभी प्रकार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में रजिस्टेªशन के लिए 12 लाख तक के टर्न ओवर की सीमा तय की गई है, परन्तु 12 लाख रूपये की सीमा मंहगाई के हिसाब से बहुत कम है। अतः आपसे अनुरोध है कि 12 लाख टर्न ओवर के स्थान पर 40 लाख वार्षिक टर्न ओवर तक का काम करने वाले व्यापारियों की रजिस्टेªशन की सीमा में रखा जायें।
3. खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में फूड एक्ट का लाइसेंस न पाए जाने पर सजा का प्राविधान खत्म किया जाये। जुर्माना अधिकतम रजिस्टेªशन व लाइसेंस फीस का दोगुना किया जाये।
4. प्रशासनिक अधिकारी अपर जिला मजिस्ट्रेट आदि को न्याय निर्णयक अधिकारी राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किये गये हैं। प्रशासनिक अधिकारी प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, जिससे न्याय निर्णय में समय लगता है। समय लगने से व्यापारी उत्पीड़न को बढ़ावा मिलता है तथा तकनीकी जानकार न होने के कारण प्रशासनिक अधिकारी मात्र अधिकतम जुर्माना वसूल करना चाहते हैं वह वाद को गुण दौषों के आधार पर तय करने की इच्छा नहीं रखते। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (फूड एक्ट) के लिये पूर्णकालिक न्याय निर्णायक अधिकारी की नियुक्ति की जानी आवश्यक है, जिससे व्यापारी को शीघ्र न्याय मिल सके।
5. खाद्य पदार्थों की पैकिंग की आईटम में रिटेल का व्यापारी कोई मिलावट या कमी नहीं कर सकता है एवं का खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में दिये गये पैकिंग एण्ड लेवलिंग एक्ट के कानूनों को पूरा करने में रिटेल व थोक के व्यापारी का कोई योगदान नहीं है। पैकिंग कम्पनियों द्वारा तैयार कर भेजी जाती है, जिसमें रिटेल का व्यापारी कोई मिलावट या पैकिंग में कोई संशोधन नहीं कर सकता है। न्याय निर्धारण अधिकारी द्वारा कम्पनियों के साथ-साथ रिटेल व थोक के व्यापारियों को भी दण्डित किया जा रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि पैकिंग के सामान में किसी भी प्रकार की कमी पाई जाने पर सिर्फ पैकिंग करने वाले फर्म या कम्पनी को ही दोषी माना जाए, होलसेलर व रिटेलर को दण्डित न किया जाये।
6. वर्तमान समय में भारी मात्रा में खाद्य पदार्थों का व्यापार ऑनलाइन फूड चेन सप्लाई व मल्टी नेशनल कम्पनियों के द्वारा किया जा रहा है, परन्तु ऑनलाइन फूड सप्लाई के डिलीवरी करने वाले व्यक्तियों के पास फूड लाइसेंस नहीं है। अतः आपसे अनुरोध है कि सभी ऑनलाइन व फूड चेन सप्लाई डिलीवरी करने वाले व्यक्यिों के खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के नियमों के अनुसार रजिस्टैªशन व लाइसेंस बनवाये जाने के आदेश पारित करने की कृपा करें।
7. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा मल्टी नेशनल कम्पनी व फूड सप्लाई चेन के डिलीवरी होने वाले सामानों की सैम्पलिंग नहीं की जा रही है। अतः आपसे अनुरोध है कि ऑनलाइन फूड सप्लाई चेन की सैम्पलिंग भी नियमानुसार की जाये, जिससे आम जनता को सही सामान मिलना सुनिश्चित हो सके।
8. खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न मॉगी जा रही है। निर्धारित समय पर जमा न करने पर रू0 100 प्रतिदिन लेट फीस लगाई जा रही है, जिन व्यापारियों की पूर्व में रिटर्न जमा नहीं है, उन पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। रिटर्न …Read more
5:41 PM

JNS News 24

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