एसीएस एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद ने की विभागीय योजनाओं की मण्डलीय समीक्षा
जिलाधिकारी के माध्यम से समन्वय स्थापित कर नये औद्योगिक आस्थान निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध होने पर भेजें प्रस्ताव
अलीगढ़) अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन विभाग, खादी ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं रेशम विभाग श्री अमित मोहन प्रसाद की अध्यक्षता में सर्किट हाउस सभागार में विभागीय योजनाओं की मण्डलीय समीक्षा बैठक आहुत की गयी। बैठक में ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के अन्तर्गत प्राप्त एमओयू की समीक्षा, निजी औद्योगिक पार्कों के विकास योजना, ऋण योजनाओं, प्रशिक्षण एवं टूल किट और रोजगारपरक योजनाओं, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, यूआरसी के साथ ही एमएसएमई पॉलिसी के प्रकरणों पर विस्तार से समीक्षा की गयी। बैठक से पूर्व एसीएस द्वारा औद्योगिक आस्थान का निरीक्षण एवं निर्यातक इकाईयों का भ्रमण कर उद्यमियों की समस्याओं की भी जानकारी प्राप्त की।उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से भारी संख्या में निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, वर्तमान में ग्राउण्ड ब्र्रेकिंग सेरेमनी के आयोजन की तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के प्रशिक्षणार्थियों को धरातल पर लाभ दिलाए जाने के लिए उन्हें प्राथमिकता से ओडीओपी, एमवाईएसवाई एवं पीएमईजीपी योजना में आवेदन कराते हुए अधिकाधिक स्वरोजगार स्थापना कराई जाए। उन्होंने सभी जीएमडीआईसी को निर्देशित किया कि वह जिलाधिकारी के माध्यम से समन्वय स्थापित कर नये औद्योगिक आस्थान निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध होने पर प्रस्ताव प्रेषित कराएं। उन्होंने कहा कि मण्डल में ऐसे औद्योगिक आस्थान जिनमें आवंटित औद्योगिक भूखण्डों की उद््देश्य पूर्ति नहीं हो रही है उन पर तत्काल निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाए। उन्होंने इस सम्बन्ध में मण्डलायुक्त को भी उद्योग बन्धु बैठक में मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये।
एसीएस ने कहा कि अलीगढ़ में निर्यात क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। अलीगढ़ को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित करने के लिए छोटे निर्यातकों को भी सरकार द्वारा वह सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये जिससे निर्यात को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि मण्डल भर में 221 निर्यातक इकाईयां हैं जिनमें से अलीगढ़ में ही 200 निर्यातक हैं। इसके सापेक्ष ईपीबी में पंजीकृत इकाईयों की संख्या 158 है। संयुक्त निदेशक उद्योग ने बताया कि गत वर्ष ईपीबी में 18 इकाईयों को शामिल किया गया है।
जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि नवीन औद्योगिक आस्थान की स्थापना के लिए गभाना के पास ख्यामई में 116 एकड़ भूमि उपलब्ध है। परियोजना की कुल लागत 70 करोड़ है, परियोजना को विकसित करने के लिए प्रथम किश्त के रूप में 2.65 करोड़ की धनराशि कार्यदायी संस्था को प्राप्त हो चुकी है। पहुॅच मार्ग के लिए 39 किसानों से भूमि अधिग्रहण के संबंध में सहमति भी प्राप्त कर ली गयी है। प्रस्तावित नवीन औद्योगिक आस्थान में 250 वर्गमीटर से 10,000 वर्गमीटर तक के 148 भूखण्ड विकसित किये जाने का प्रस्ताव है। वर्तमान में बाउण्ड्रीवाल का कार्य प्रगति पर है।
संयुक्त आयुक्त उद्योग बीरेन्द्र कुमार ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अलीगढ़ नोड के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 22 उद्यमियों को 24 भूखण्डों का आवंटन किया गया है, जिनमें से 05 इकाईयों की स्थापना हो गयी है। 01 इकाई ने डाटा शेयरिंग से संबधिंत कार्य भी आरम्भ कर दिया है। माह जनवरी के प्रथम सप्ताह में 01 इकाई द्वारा रिवॉल्वर एवं पिस्टल बनाने का कार्य आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 06 इकाईयों द्वारा उद्योग स्थापना में रूचि न लेने पर भूखण्ड निरस्तीकरण की कार्यवाही की जा रही है।
बैठक से पूर्व एसीएस एमएसएमई ने अलीगढ़ में ताला एवं हार्डवेयर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न इकाईयों का निरीक्षण करते हुए उद्योग स्थापना एवं विस्तार में आड़े आ रही समस्याओं की जानकारी प्राप्त की। बैठक में मण्डलायुक्त रविन्द्र, जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह, एसएसपी कलानिधि नैथानी, जिला खादीग्रामोद्योग अधिकारी संदीजा बेगम, सहायक निदेशक हथकरघा देवेन्द्र कुमार, महाप्रबंधक उद्योग एटा प्रेमकांत, एवं अन्य अधिकारी वाईपी सिंह, आर0के0 भण्डारी, अमन कौशिक, अजलेश कुमार, सीवी भास्कर, राकेश सिंह, दिनेश कुमार शर्मा, विनय राघव, अशोक सिंह समेत अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।