राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आहुत
9 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय, अलीगढ, बाह्य स्थित न्यायालयों में एवं तहसील स्तर पर किया जाना है
अलीगढ़ माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजीव कुमार के दिशा निर्देशन में 09 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय, अलीगढ, बाह्य स्थित न्यायालयों में एवं तहसील स्तर पर किया जाना है।राष्ट्रीय लोक अदालत की भव्य सफलता के लिए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के विश्राम कक्ष में बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियो के साथ एक बैठक आयोजित की गयी। बैठक सुभाष चन्द्रा नोडल अधिकारी लोक अदालत अलीगढ की अध्यक्षता में आयोजित हुयी। बैठक में उपस्थित आये प्रशासनिक अधिकारियो को निर्देशित किया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए आप अपने-अपने विभाग से और मामले चिन्हित करके चिन्हित मामलो की सूची जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय को उपलब्ध करा दें और राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
इस अवसर पर दिनेश कुमार नागर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, संजय गौड प्रशासनिक अधिकारी, आयुक्त अलीगढ मण्डल अलीगढ, अमित भटट अपर जिलाधिकारी नगर, आर पी सिंह कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम, विनय कुमार शुक्ल टी0आई0 यातायात पुलिस, मेहर सिंह टी0एस0आई0 यातायात, वीरभद्र अधिशासी अभियन्ता विद्युत, विनय कुमार राघव प्रतिनिधि चकबन्दी, अमित जैन पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर, कैलाश चन्द्र अधिशासी अभियन्ता विद्युत, जितेन्द्र सिंह सहायक श्रम प्रर्वतन अधिकारी उपस्थित आये। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों/विभागों में लम्बित विभिन्न प्रकृति के मामलों जैसे फौजदारी के शमनीय वाद, धारा 138 एनआईएक्ट, धन वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, श्रम वाद, विद्युत अधिनियम एवं जलकर से सम्बन्धित वाद, पारिवारिक एवं वैवाहिक वाद, भूमि अर्जन वाद, सेवा सम्बन्धित वाद अन्य दीवानी वाद, अन्य प्रकृति के वाद जो न्यायालयों में छोटे-छोटें प्रकृति के मामलें लम्बित हो तथा उक्त के अतिरिक्त पारिवारिक, वैवाहिक विवादों के प्रीलिटिगेशन मामलों तथा प्रीलिटिगेशन स्तर पर विभिन्न बैंको, वित्तीय संस्थाओं एवं विभागों में लम्बित/प्रीलिटिगेशन स्तर के मामलों का भी निस्तारण आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया जाना है।