सीतापुर

गोलीकांड से आहत होकर नहीं मनाई थी दिवाली

अब प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खासा उत्साहित हैं।

इमलिया सुल्तानपुर/सीतापुर। राम काज के लिए आंदोलन में कूदने और जेल जाने वाले कारसेवक अब प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खासा उत्साहित हैं। जिले में कारसेवकों की लंबी फेहरिस्त है। हर किसी का अपना अलग संघर्ष है। अयोध्या में कारसेवकों पर गोलीकांड से आहत यहां के कई रामभक्तों ने उस साल जेल से छूटने के बाद भी दिवाली नहीं मनाई थी। अब प्रभु श्रीराम के आगमन पर उत्साहित कारसेवक 22 जनवरी को भव्य दीपोत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंहल के आह्वान पर कारसेवक अयोध्या के लिए कूच कर रहे थे। ऐलिया क्षेत्र के उत्साहित और समर्पित कारसेवकाें ने अयोध्या पहुंचने का संकल्प किया। चूंकि पुलिस का सख्त पहरा था, इसलिए मुख्य मार्गों को छोड़कर खेतों व गांवों के अंदर के रास्तों का रोडमैप बनाया गया। रेडियो पर अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाए जाने की सूचना से हर किसी के सीने में रामकाज की लौ धधक उठी यहां से 40 कारसेवकों का जत्था पैदल ही अयोध्या के लिए निकल पड़ा। इस दल की अगुवाई स्व. गया प्रसाद मिश्रा, स्व. मुंशी जयपाल सिंह, स्व. राधेश्याम व स्व. सरजू प्रसाद गुप्ता कर रहे थे। शहर इलाके में कोतवाली पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें लखीमपुर में धर्मसभा इंटर काॅलेज में बनाई गई अस्थायी जेल में डाल दिया गया। कोई 15 तो किसी को एक माह बाद रिहा किया गया। तमाम कारसेवकों की दिवाली जेल में बीती। अयोध्या के गोलीकांड से आहत कई कारसेवकों ने जेल से छूटने के बाद भी उस साल दिवाली नहीं मनाई। अब 22 जनवरी को कारसेवक भव्य दीपोत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं।

कारसेवकों संग 22 को मनाएंगे भव्य दीपोत्सव
वकील चंद्र कुमार सिंह महज 18 वर्ष की उम्र में राम जन्मभूमि आंदोलन में कूदे थे। उन्होंने बताया धार्मिक आस्था पर प्रहार का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अयोध्या की ओर निकले थे। गिरफ्तारी के बाद लखीमपुर के धर्मसभा इंटर काॅलेज की अस्थायी जेल में डाल दिया गया। करीब 15 दिन जेल में रहे। दीपावली से पहले घर तो आ गए थे, लेकिन कारसेवकों पर गोलीबारी से मन में द्रवित था इसलिए उस वर्ष दिवाली नहीं मनाई थी। आज उनका बलिदान सार्थक हो रहा है। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को विभिन्न आयोजनों की तैयारी की जा रही है। हम सभी पुराने कारसेवक एक साथ मिलकर भव्य दीपोत्सव मनाएंगे।हर तरफ बन गए थे इमरजेंसी वाले हालात
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह ने बताया कि राम काज के लिए अयोध्या की ओर कूच करने की तैयारी थी। इलाके में इमरजेंसी वाले हालात बने हुए थे। ठीक एक दिन पहले पुलिस ने घर से गिरफ्तार कर लिया। लखीमपुर की अस्थायी जेल भेज दिया गया। इसके बाद भी हम सबका मनोबल नहीं टूटा। सकारात्मक बात यह रही जेल ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों का काफी सहयोग मिला। कई पुलिस कर्मी दबी जुबान से अपना दर्द साझा भी किया करते थे। उनके मन में भी इस बात की पीड़ा थी, कि हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं पर चोट की जा रही है।प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखना सौभाग्य की बात
अवधेश मिश्रा उस समय की याद को साझा करते हुए बताते हैं, कि अयोध्या में रामभक्तों पर जब लाठी चार्ज व गोलीबारी की जानकारी रेडियो के माध्यम से मिली तो मन में प्रतिशोध की ज्वाला भड़क उठी। उस समय युवा अवस्था थी, हम सभी ने प्रण कर लिया कि जान भले ही जाए पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। पुलिस को भनक लगी तो गिरफ्तार कर लिया। अवधेश कहते हैं, कि यह सौभाग्य ही है जो हम सभी उस आंदोलन का हिस्सा थे। राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, प्रभु श्रीराम 22 जनवरी को आ रहे हैं। मानों हम साक्षात वह दौर देख रहे हों, जब भगवान राम वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे। तब भी सबने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। अब हम लोग दीपोत्सव मनाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखना सौभाग्य की बात है।पुलिस अधिकारी ने कहा था बनेगा भव्य राम मंदिर
जेल प्रशासन ने हम सभी पर तब पहरा बढ़ा दिया जब उन्हें भनक लगी कि कारसेवकों ने जेल तोड़ने का प्लान बनाया है। सुनील शुक्ला के अनुसार पुलिस का रवैया हमारी सोच से बिल्कुल अलग दिखा। अधिकारियों ने समझाया कि जोश में होश मत खोना। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है। सीधे गोली मारने के आदेश हैं। समय का इंतजार करो, आने वाले समय में इस मसले का निस्तारण होगा और भव्य राम मंदिर बनेगा। उनकी यह बात आज भी याद है। (संवाद)

JNS News 24

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