अलीगढ़

मौसम विज्ञानी अशरफ अली ने बताया कि ला-नीना का प्रभाव उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में देखने को मिल सकता है।

अक्तूबर में बारिश से कड़ाके की सर्दी का प्रकोप देखने को मिल सकता है।

कृषि विज्ञान केंद्र छेरत के मौसम विज्ञानी अशरफ अली ने बताया कि ला-नीना का प्रभाव उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में देखने को मिल सकता है। इसका सीधा असर ठंड के मौसम पर दिखाई पड़ेगा। बंगाल की खाड़ी से आने वाले तूफानों का भी असर रहेगा, जो उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में और ज्यादा ठंड बढ़ाएगा। उन्होंने बताया कि अक्तूबर में बारिश से कड़ाके की सर्दी का प्रकोप देखने को मिल सकता है। सर्दी की शुरुआत से ठीक पहले ही ला-नीना की परिस्थितियां बनीं तो 15 दिसंबर से जनवरी तक कड़ाके की सर्दी रहने की संभावना है। अक्तूबर के आखिर में दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्व मानसून आता है, उस पर ला-नीना का असर हो सकता है

क्या है ला नीना और अल-नीनो

ला-नीना और अल-नीनो दोनों ही समुद्री और वायु मंडलीय बदलाव की घटनाएं हैं। ला-नीना के कारण पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में पानी सामान्य से ज्यादा ठंडा हो जाता है, जिसका असर मौसम पर पड़ता है और सर्दी बढ़ जाती है। अल-नीनो उसी क्षेत्र में पानी को सामान्य से अधिक गर्म कर देता है और सूखे की स्थिति बन जाती है।

तीन-चार दिन भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में अलीगढ़ समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में अगले तीन-चार दिन भारी बारिश होने की संभावना जताई है। इसके लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अलीगढ़ व हाथरस में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है।

8 सितंबर रात छायी कोहरे जैसी धुंध
मौसम का बदलाव 8 सितंबर रात देखने को मिला। शहर में कोहरे जैसी धुंध छायी हुई थी। शहर के बाहरी इलाकों में इसका अधिक असर दिखाई दिया। जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमित जायसवाल ने बताया कि तापमान कम होने और आर्द्रता बढ़ने से रविवार देर रात कोहरे जैसी धुंध का असर देखने को मिला है। लगातार बरसात से वातावरण में आर्द्रता बढ़ी है। इसका असर धान की फसल में फंगस के रूप में दिख सकता है। इससे धान की बालियां काली पड़ सकती हैं। दो-तीन दिन तेज धूप से फंगस का असर समाप्त हो जाएगा।

JNS News 24

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