जिले में संभावित बाढ़ से निपटने के लिए डीएम ने की बाढ़ स्टीयरिंग गु्रप की बैठक
बाढ़ राहत के लिए सभी तैयारियां समय से पूर्ण करने के दिए निर्देश

अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट संजीव रंजन की अध्यक्षता में वर्ष 2025 में संभावित सूखा एवं बाढ़, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि प्रबंध योजना का क्रियान्वयन किए जाने के साथ ही प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल राहत एवं पुनर्वास सुविधा प्रदान किए जाने के संबंध में कलैक्ट्रेट सभागार में बाढ़ स्टीयरिंग गु्रप की बैठक आहूत की गई। डीएम ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए सभी प्रकार की तैयारियां समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक में अधिशासी अभियंता सिंचाई व नोडल अधिकारी भरत राम ने विभागीय जिम्मेदारियों एवं दायित्वों व अब तक की गई तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि गंगा किनारे के संभावित बाढ़ प्रभावित ग्रामों और यमुना नदी के तटबन्धों का निरीक्षण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि गंगा नदी पर कोई तटबंध नहीं है जबकि यमुना नदी पर 28.20 किलोमीटर लम्बाई में तटबन्ध है जिसमें से जिले में लगभग 16 किलोमीटर का तटबंध शामिल है। गंगा नदी में भीमगौड़ा बैराज हरिद्वार से छोड़ा गया पानी लगभग 60 घंटे में सांकरा गंगा क्षेत्र में पहुॅचता है इसी प्रकार हथिनीकुण्ड बैराज यमुना नगर हरियाणा से छोड़ा गया पानी लगभग 72 घंटे में टप्पल यमुना क्षेत्र में पहॅुचता है। उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ के दृष्टिगत सुरक्षात्मक कार्यों के लिए गंगा नदी क्षेत्र में 04 एवं यमुना नदी क्षेत्र में 05 सुरक्षा समितियों का गठन कर लिया गया है। जिले में दूरभाष नंबर 0571-2703075 एवं 7818832408 के माध्यम से बाढ़ कंट्रोल रूम का संचालन 01 जून से 31 अक्टूबर तक 24 घंटे किया जाएगाडीएम ने बाढ़ चौकियों, राहत शिविरों के संबंध में भी स्थान तय करते हुए निरीक्षण व स्थापना संबंधी कार्य समय से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की टीमों का गठन कर 24 घंटे के लिए रोस्टर तैयार कर ड्यूूटियां लगा दी जाएं।उन्होंने गोताखोरों एवं आपातकालीन संपर्क नंबरों को भी उचित स्थान पर प्रदर्शित करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को दवाइयों की उचित व्यवस्था, कृषि विभाग को पशुओं के लिए चारा की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भीषण गर्मी का प्रकोप अपने चरम पर है, गर्मी एवं लू को ध्यान में रखते हुए जनसामान्य को राहत पहुंचाने के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने अधिशासी अभियंता जल निगम ग्रामीण को निर्देशित किया कि गंगा व यमुना के तटीय क्षेत्र में बाढ़ से संभावित बाढ़ से प्रभावित ग्रामों में प्राथमिकता से हर घर जल योजना के कार्य को पूर्ण करना सुनिश्चित करें ताकि आपात स्थिति में पेयजल की समस्या न हो तहसील अतरौली क्षेत्र में गंगा नदी में संभावित बाढ़ से प्रभावित ग्राम:गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से तहसील अतरौली क्षेत्र के 4495 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 17 ग्रामों- दीनापुर, गनेशपुर, हामिदपुर, रूस्तमनगर, नगला जोगिया, सीकरी, गहतौली गंग, नगला आलिया, गोपालपुर, हारूनपुर अहतमाली, हारूनपुर गैर अहतमाली, नगावली सकूरगंज, सांकरा, टोडरपुर अहतमाली, टोडरपुर गैर अहतमाली, किरतौली व नगला सीसई में बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है, जिससे लगभग 19500 की आबादी प्रभावित होती है। तहसील खैर क्षेत्र में यमुना नदी में संभावित बाढ़ से प्रभावित ग्राम:यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से तहसील खैर क्षेत्र के 3032 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 13 ग्रामों- पीपली, घरवरा, किशनगढ़, लालपुर, रैयतपुर, मिलक, नरवारी, मालव, महाराजगढ़, शेरपुर, नगला अमर सिंह, रामगढ़, ऊंटासानी एवं पखोदना में बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है, जिससे लगभग 30 हजार की आबादी प्रभावित होती है बैठक में एडीएम वित्त एवं प्रभारी अधिकारी आपदा मीनू राणा, डीएसओ अभिनव सिंह, डीएओ धीरेन्द्र सिंह चौधरी, सीवीओ डा0 दिवाकर त्रिपाठी, बीडीओ अतरौली वेद प्रकाश, बीडीओ अवधेश कुमार मिश्रा, तहसीलदार कृष्ण गोपाल समेत संबंधित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।