आगरा एवं अलीगढ़ मण्डल की मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी संपन्न
मा0 कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख ने गोष्ठी एवं कृषि प्रदर्शनी का किया शुभारंभ

अलीगढ़ : कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर में शनिवार को आगरा एवं अलीगढ़ मण्डल की मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। मा0 कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में कृषि उत्पादकता गोष्ठी का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया गया। प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र की अध्यक्षता में मण्डलीय खरीफ गोष्ठी में दोनों मंडलों के अंतर्गत आने वाले जिलों के कृषि व सम्बद्ध विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण, कृषि वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इससे पूर्व मा0 मंत्री जी एवं अधिकारियों द्वारा कृषि से संबंधित विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन करने के उपरांत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से चयनित किसानों को लाभान्वित किया गया।मा0 कृषि राज्यमंत्री कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग श्री बलदेव सिंह औलख ने मुख्य अतिथि के रूप मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि देश एवं प्रदेश में 2014 व 2017 के बाद किसान हित में क्रांति की तरह कार्य हुए हैं। किसानों को मुफ्त बिजली, कृषि यंत्र, उपकरण, उन्नत प्रजाति के बीज, सोलर पंप एवं उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। किसानों की आय दोगुनी हो इसके लिए वैज्ञानिक पद्धति से खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। हरियाणा, करनाल, पूसा से उन्नतशील बीज मंगाकर किसानों को वितरित किए जा रहे हैं। कंेद्र एवं प्रदेश सरकार में किसानों का एजेंडा सर्वोपरि है सरकार चाहती है कि किसान बिजली की तरफ नहीं सोलर की तरफ भागें, सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में सब्सिडीयुक्त सोलर पंप उपलब्ध हैं। मा0 मंत्री जी ने कहा कि गोष्ठी में किसानों द्वारा जो सुझाव दिए गए हैं, उनको प्रदेश स्तर पर रखा जाएगा। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नहरों में टेल तक पानी और रोस्टर के अनुरूप निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र ने अपने संबोधन में कहा कि बदलते परिवेश में खेती का तरीका बदलता पड़े़गा आज किसानों के पास अवसर है कि वह सोलर पंप योजना का लाभ उठाएं। मेहनत के साथ तकनीक का प्रयोग करेंगे तो अवश्य ही खुशहाली आएगी। भूमिगत जल निरंतर नीचे जा रहा है, सिंचाई के नवीन साधन अपनाएं। अधिक उत्पादन पर होने वाले नुकसान से बचने के लिए प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने यूरिया, डीएपी एवं एनपीके के विकल्प के तौर पर नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के प्रयोग पर भी बल दिया। उन्होंने बताया कि यह कृषि विभाग का 150 वां वर्ष है और इसे बीज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।आयुक्त, आगरा मण्डल, आगरा शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि मण्डल में खरीफ 2025 के लिए 626685 हैक्टेयर में फसलों की बुवाई का क्ष्य रखा गया है जो गत वर्ष से 42567 हैक्टेयर अधिक है। धान की उत्पादकता का लक्ष्य 31.57 कुंतल प्रति हैक्टेयर रखा गया है। मण्डल में 46557.54 कुंतल लक्ष्य के सापेक्ष 47317.72 कुंतल बीज उपलब्ध है। वर्तमान में आवश्यकता से अधिक उर्वरक उपलब्ध है एवं मांग के अनुरूप उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाएगी। विगत वर्ष में 254 सोलर पंप स्थापित किए गए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ 2024 में 25262 कृषकों के स्वीकृत दावों के सापेक्ष 21.741 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति प्रदान की गई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 19 किश्तों में 3946.187 करोड़ की धनराशि 1509360 कृषकों को प्राप्त हो चुकी है। विगत वर्ष 331 एफपीओ का गठन किया गया जो मिलेट्स उत्पाद, सीड प्रोसेसिंग, बीज उत्पादन एवं डेयरी क्षेत्र में प्रारम्भिक गतिविधियां कर रहे हैं। तीन बीज विधायन संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं। उन्होंने आगरा मण्डल की प्रमुख समस्याओं के बारे में मा0 मंत्री जी ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा कि मण्डल में मिलेट्स से संबंधित प्रशिक्षण केंद्र न होने के कारण कृषकों को समुचित प्रशिक्षण दिया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। मैनपुरी में कृषि विज्ञान कंेद्र अवशेष धनराशि मुक्त न होने के कारण अधूरा पड़ा है, जिससे प्रशिक्षण एवं शोध कार्य प्रभावित हो रहा है। मण्डल में अक्टूबर माह में आलू की बुवाई होने के चलते रबी सीजन में आवंटित डीएपी की लगभग 70 प्रतिशत आपूर्ति सितंबर माह तक किया जाना आवश्यक है। मथुरा जिले के 06 विकासखण्डों में खारे एवं तैलीय पानी की समस्या के कारण गहरे नलकूपों का निर्माण, मत्स्य पालकों को कृषि का दर्जा देते हुए विद्युत कनेक्शन दिए जाने, किसानों की मांग पर सोलर फेंसिंग लगाए जाने, फिरोजाबाद में शिमला मिर्च को फसल बीमा में अधिसूचित किए जाने एवं आलू उत्पादकों के हितार्थ, पुटैटो ग्रेडर मशीनरी को कृषि विभाग के फार्म मैकेनाइजेशन योजना में सम्मिलित किए जाने का सुझाव दिया।आयुक्त, अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ़ संगीता सिंह ने बताया कि मण्डल में खरीफ फसलों के लिए 764153 हैक्टेयर आच्छादन लक्ष्य है, जिसमें धान 348753 हैक्टेयर, बाजरा 258371 हैक्टेयर, मक्का 123289 हैक्टेयर एवं अरहर 15970 हैक्टेयर क्षेत्रफल निर्धारित कियागया है, वहीं 17770 हैक्टेयर में अन्य फसलें सम्मिलित हैं। इस वर्ष खरीफ में कुल उत्पादन लक्ष्य 22.56 लाख मीट्रिक टन प्रस्तावित है। अलीगढ़ मण्डल की प्रमुख समस्याओं एवं सुझावों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जिला हाथरस एवं कासगंज में जिला सहकारी बैंक की स्थापना किसान हित में है। हाथरस में उर्वरक आपूर्ति के लिए रैक प्वाइंट बनाया जाए। एटा के जलेसर एवं सकीट में खारे पानी की समस्या के चलते उत्पादन प्रभावित होता है, यहां नहरों से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी एवं अतिरिक्त नहरों का विकास किया जाना आवश्यक है। एटा में रार, जिरसमी एवं एटा माइनर में टेल फीडिंग न होने से निचली गंग नहर से माछुआ रजवाहा में पानी डाले जाने की महती आवश्यकता है। मण्डल में स्वीकृत पदों के सापेक्ष कृषि अधिकारियों के भरे पदों की संख्या में बहुत अंतर होने से योजनाओं के अनुश्रवण में समस्या आती है। मण्डल की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि धान की औसत उत्पादकता 27.19 कंुतल, बाजरा की 23.32 कुंतल एवं मक्का की 27.37 कुंतल प्रति हैक्टेयर प्राप्त की गई। कोमालिका एफपीओ द्वारा 29 मीट्रिक टन आलू तेहरान एवं 145 मीट्रिक टन आलू बहरीन को निर्यात किया गया। इनके द्वारा 2023-24 में 500 कंुतल बासमती धान एवं 100 कुंतल बाजरा का बीज उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम को विक्रय किया गया। कृषि विभाग द्वारा एफपीओ को बीज विधायन संयंत्र के लिए 60 लाख रूपये, मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के लिए 04 लाख रूपये एवं मिलेट्स प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट के लिए 47.50 लाख रूपये का अनुदान दिया गया। मण्डलायुक्त ने कहा कि किसान भाईयों का परिश्रम ही इस देश की आत्मा है। उन्होंने किसानों को सुझाव देते हुए मिट्टी की सेहत का ध्यान रखने, संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करने, कार्बनिक एवं वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग करने, फसल चक्र अपनाए जाने, स्प्रिंकलर एवं ड्रिप पद्धति से सिंचाई करने के साथ ही जीरो बजट फार्मिंग पर भी विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज की खेती सिर्फ हल और बैल की नहीं है, बल्कि जानकारी, तकनीक और नवाचार की है। यदि हम सही दिशा में सोचकर आगे कदम बढ़ाएं तो कृषि से लाभ ही लाभ कमाया जा सकता है।कृषि निदेशक जितेन्द्र कुमार तौमर ने कहा कि प्रदेश में जिप्सम पर्याप्त मात्रा में है किसान भाई जिप्सम पर 75 प्रतिशत अनुदान और अरहर एवं उर्द की शत-प्रतिशत खरीद का लाभ उठाएं। उन्होंने सहफसली खेती करने की सलाह देते हुए किसानों की मांग पर कृषि रक्षा रसायन एवं कीटनाशकों की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए फिरोजाबाद में उत्पादित शिमला मिर्च को खरीफ की फसल में शामिल किए जाने का किसानों को भरोसा दिलायाजिलाधिकारी संजीव रंजन द्वारा मा0 मंत्री, प्रमुख सचिव सभी अतिथियों एवं प्रगतिशील किसानों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया उन्होंने कहा कि यह गोष्ठी कृषि क्षेत्र में समन्वित प्रयासों के माध्यम से खरीफ फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। किसानों ने रखी अपनी बात:अलीगढ़ से चौ0 नवाब सिंह ने फार्मर रजिस्ट्री कराए जाने में पोर्टल पर आ रही असुविधा को दूर करने एवं 16 घण्टे निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान करने, चौ0 गुलवीर सिंह ने उच्च गुणवत्तायुक्त बीज एवं कीटनाशक दिलाए जाने, पर्याप्त मात्रा में डीएपी और निर्बाध विद्युत आपूर्ति की मांग की एफपीओ संचालक अजयपाल सिंह ने डीएसआर विधि से धान उत्पादन व प्याज उत्पादन की उन्नत तकनीक के बारे में, कोमालिका एफपीओ संचालक आर0पी0 पचौरी ने मिलेट्स उत्पाद तैयार करने में शासकीय सहयोग की सराहना की। एटा के प्रताप सिंह आर्य ने बड़े ही सुरीले अंदाज में किसानों की आय दोगुनी किए जाने पर कहा कि ”खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़, पेड़ के नीचे गाय तभी होगी दोगुनी आय” पर खूब तालियां बटोरीं। विनोद चौहान ने ओडीओपी प्रोडक्ट चिकोरी के लिए बीज, विपणन एवं एक्सपोजर विजिट में किसानों की मदद किए जाने, सिंघाड़ा उत्पादन की ओर ध्यानाकर्षण किए जाने के साथ ही प्रगतिशील किसानों के नाम ब्लॉक एवं कृषि कार्यालयों में फोटो सहित प्रदर्शित किए जाने की बात रखी। कासगंज के वीरेश कुमार ने विद्युत आपूर्ति सुधार के साथ जंगली जानवरों से फसलों को सुरक्षित रखने के लिए 05 पेड़ लगाए जाने की शर्त पर तार एवं खम्बे सब्सिडी पर दिए जाने की बात रखी। संजय प्रजापति ने चकोरी का भुगतान समय पर होने, खुदाई के उपरांत खराब होने पर किसान को मुआवजा देने एवं मण्डी में हो रही 02 प्रतिशत कटौती बंद कराए जाने की बात रखी। आगरा के राजकुमार तौमर ने किसानों को शासकीय योजनाओं की समय से दिए जाने के साथ, बिजली पानी की समस्या उठाई। नरेन्द्र कुमार शर्मा ने सहकारी समितियों पर पर्याप्त मात्रा में डीएपी भेजने एवं हाथरस नहर में फिरोजाबाद तक पानी भेजे जाने की मांग की। रामनिवास भारती ने बाजरा अनुसंधान केंद्र खोले जाने की मांग रखी। फिरोजाबाद के लोकेश कुमार ने सहफसली खेती करने एवं बिजली की समस्या से बचने के लिए सोलर पंप को स्थायी समाधान बताया। पंकज कुमार ने नहरों एवं माइनरों की दो बाद सिल्ट सफाई कराए जाने की मांग रखी। मथुरा के ओमप्रकाश चौधरी ने खारे पानी की समस्या वाले क्षेत्रों के लिए खारे पानी के अनुकूल बीज तैयार करने एवं टमाटर की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना की बात रखी। गोष्टी में श्याम सिंह चाहर एवं पुनीत प्रताप ने भी कृषि संबंधी सुझाव दिएएसई सिंचाई चन्द्रभान सिंह यादव ने फर्जी कुलाबों को समाप्त करने में किसानों से सहयोग मांगते हुए सिल्ट सफाई एवं समानन्र नहर चलाने पर जवाब दिए। पंकज अग्रवाल एसई हाइडिल ने बताया कि अब किसानों को प्रातः 06ः45 से सांय 04ः45 तक 10 घण्टे की विद्युत आपूर्ति प्राप्त होगी।गोष्ठी में तकनीकी सत्र का भी हुआ आयोजन:तकनीकी सत्र में कृषि वैज्ञानिक डॉ0 के0डी0 दीक्षित ने श्री अन्न उत्पादन एवं प्रयोग करने और मिट्टी की जाँच समय-समय पर कराने पर बल दिया। फसल अवशेषों में आग न लगाने की भी अपील की। जमीन की भौतिक, जैविक एवं रासायनिक स्थिति को सुधारने के लिए कार्बनिक खाद का प्रयोग करने के साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य के अनुरूप संतुलित मात्रा में रासायनिक खाद का प्रयोग करने की सलाह देते हुए हरी खाद, केंचुए की खाद प्रयोग करने पर बल दिया। डॉ0 उमर खान ने पशुओं को घरेलू उपचार से सेहतमंद बनाए रखने की सलाह देते हुए कहा कि यदि जमीन की सेहत ठीक है तो पशु की सेहत ठीक रहेगी और जब पशु की सेहत ठीक रहेगी तो इंसान की सेहत ठीक रहेगी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 अनन्त कुमार ने धान की डीएसआर तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए बासमती के अधिकाधिक उत्पादन के बारे में बताया डॉ0 अतहर वारसी ने कीटों एवं खर पतवार नाशी विधियों के बारे में बताते हुए उन्नतशील बीजों एवं बोआई के बारे में जानकारियाँ दीं डॉ0 पुष्पा दोहरे ने मोटे अनाज की उत्पादकता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्री अन्न को फिर से खाने की थाली में वापस लाना होगा। यह पोषक तत्वों, फाइबर से भरपूर होते हैं। डॉ0 अशरफ अली ने खरीफ की फसलों पर कीट नियंत्रण के बारे में बताया कि सही जानकारी होने पर ही कीट, फफूंदी नाशक दवाइयां डालें। डॉ0 विकास रंजन चौधरी ने पौधों को लगाने के साथ ही सुरक्षा एवं संरक्षा का भी ध्यान रखना रखते हुए पूरी तैयारी के साथ पौधरोपण करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि हम प्रतिवर्ष 4 करोड़ टन फल और सब्जियां उत्पादन कर देश मे सबसे आगे हैं। डॉ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव ने फसलों में सिंचाई एवं जल प्रबंधन के बारे में बताया कि जल ही जीवन है और जल ही प्रलय है। उन्होंने खेतों में नमी बनाए रखने की नसीहत देते हुए कहा कि जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दें। खेतो में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ानी चाहिए। फसलों को जलाने के स्थान पर डिकम्पोज़र का प्रयोग करें। फसल की सिंचाई छोटी छोटी क्यारी बनाकर करें।इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह, प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम डा0 पंकज त्रिपाठी, संयुक्त निदेश डा0 हरेन्द्र कुमार मिश्रा, सभी सीडीओ, उप निदेशक कृषि यशराज सिंह, उप निदेशक शोध प्रमोद कुमार, उप निदेशक कृषि रक्षा डा0 सतीश मलिक, समस्त जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, जिला मृदा संरक्षण अधिकारी सहित विद्युत, सिंचाई, उद्यान, पशुपालन, सहकारिता, विपणन, मत्स्य विभाग के अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित रहे।