क्वार्सी कृषि फार्म में दो दिवसीय मानव संसाधन विकास अभिमुखी कार्यक्रम संपन्न
मृदा स्वास्थ्य एवं पर्यावरण का संरक्षण के लिए किसानों को आईपीएम तकनीकी अपनाने पर जोर एनपीएसएस एप कीट की पहचान व निगरानी और उसके प्रबंधन की लें जानकारी

अलीगढ़ : कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के अधीन वनस्पति संरक्षण संगरोध एवं संग्रह निदेशालय के केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, आगरा की ओर से आयोजित दो दिवसीय मानव संसाधन विकास अभिमुखी कार्यक्रम राज्य कृषि विभाग के क्वार्सी फार्म स्थित बहुउद्देेशीय किसान कल्याण केंद्र में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संयुक्त कृषि निदेशक अलीगढ़ मंडल डॉ प्रवीण कुमार ने एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन (आईपीएम) अपनाने की सलाह दी जिससे कि किसान मृदा स्वास्थ्य, अपना स्वास्थ्य एवं पर्यावरण का संरक्षण ठीक तरह कर सके ।वनस्पति संरक्षण अधिकारी प्रभारी केंद्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र आगरा ओमप्रकाश ने कार्यक्रम में पहुंचे किसानों व कृषि अधिकारियों को जागरुक करते हुए राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली एनपीएसएस एप के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सरकार द्वारा चलाए जा रहे एन.पी.एस.एस. एप को अपने-अपने फोन में डाउनलोड करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह एप कीट निगरानी की एक राष्ट्रीय प्रणाली है।मौके पर ही कीट की पहचान व निगरानी और उसके प्रबंधन की जानकारी उन सब पहलुओं को ध्यान में रख कर देगी कि हमें कब किन स्थितियों कीटनाशी का इस्तेमाल करना है। यह एप आपकी पहुंच कृषि विशेषज्ञों तक व सरकार तक आपके खेत और क्षेत्र की कीट व बीमारियों की स्थिति की जानकारी पहुंचाने में मदद करेगी। यह एप पूरे देश में कीट और बीमारियों का एक डाटा तैयार करने में मदद करेगी कि इस समय हमारे देश में फसल के कीट व बीमारियों की क्या स्थिति है। उन्होंने कीटनाशियों का छिड़काव करते समय किसान बन्धु क्या-क्या सावधानी रखें इस बात पर प्रकाश डालते हुए रासायनिक दवाइयों से खेतों में होने वाले नुकसान से भी अवगत कराया।उप निदेशक कृषि रक्षा अलीगढ़ मंडल, डॉ सतीश मलिक ने किसानों एवं कृषि अधिकारियों को जागरुक करते हुए जैविक विधियों से कीट नियंत्रण की तकनीकी से अवगत कराया जिससे कि पर्यावरण प्रदूषण न हो और कम से खर्चे पर प्रभावित तरीके से कीटों का नियंत्रण किया जा सके। उन्होंने मित्र कीट व शत्रु कीट के पहचान एवं उसकी उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला।जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभागीय योजनाओं के बारे में अवगत कराया एवं और सभी को आईपीएम अपनाने को कहा। सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी कीट विज्ञान दान सिंह ने आईपीएम के अंतर्गत आने वाली व्यावहारिक विधियों व यांत्रिक विधि के बारे में विस्तृत जानकारी दी कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिक सहायक कु0 सिमरन ने एनपीएसएस एप एवं ट्राइकोडर्मा के प्रयोग के बारे में जानकारी प्रदान की। 19 व 20 सितम्बर को आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में किसानों को खेतों में दीमक व चूहा नियंत्रण, कंपोस्ट खाद बनाने की विधि व जैविक नियंत्रण की विधियों पर व्याख्यान दिए गए।
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